लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ‘लव-जिहाद’ जैसे अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का निर्णय लिया है। सोमवार को योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया, जिसमें ‘लव-जिहाद’ समेत कई नए अपराधों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
इस विधेयक में पूर्व में परिभाषित अपराधों की सजा को दोगुना करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। 2021 में पहले से लागू इस कानून के तहत 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना था। अब पेश किए गए विधेयक में सजा की अवधि बढ़ाकर उम्रकैद कर दी गई है।
विधेयक में फंडिंग और अपराध पर भी नया शिकंजा
नए विधेयक में विधि-विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग करने को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन की नीयत से किसी को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है, हमला करता है, बल प्रयोग करता है या शादी का वादा करता है, तो उसे उम्रकैद और जुर्माना दोनों भुगतने होंगे।
अवैध धर्मांतरण की शिकायत का अधिकार बढ़ा
इस कानून में पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन या अन्य रक्त संबंधी को अपराध की सूचना देने का अधिकार पहले से था। अब किसी भी व्यक्ति को लिखित तौर पर पुलिस को सूचना देने का अधिकार मिल गया है। सभी अपराधों को गैर-जमानतीय बना दिया गया है और इनका विचारण सेशन कोर्ट से नीचे नहीं होगा।
कानून में बदलाव की जरूरत क्यों?
योगी सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा, सामाजिक स्थिति, और एससी-एसटी वर्ग के लोगों का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए सजा और जुर्माना को कड़ा करने की जरूरत है। इसी उद्देश्य से यह विधेयक प्रस्तुत किया गया है।