world voice day 2024: विश्वभर में आज मनाया जाएगा आवाज दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास और उद्देश्य
मानव आवाज की उचित देखभाल और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है इसका उद्देश्य
नई दिल्ली। हर साल 16 अप्रैल को विश्व आवाज दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड वॉइस डे की शुरुआत लोगों को उनकी आवाज के प्रति जागरूक करने के लिए की गई। विश्व वॉइस डे का उद्देश्य मुख्य रूप से मानव आवाज की उचित देखभाल और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। खासकर उन लोगों के बीच जो अपनी आवाज का व्यवसायिक या मनोरंजन के उद्देश्यों से उपयोग करते हैं। इसके अलावा, विश्व वॉइस डे आवाज से संबंधित अनुसंधान के प्रयासों का समर्थन करता है, जो जीवविज्ञान, कला, ध्वनि विज्ञान, मनोविज्ञान, भौतिकी, संगीत, भाषा-वैद्यकी और चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन और उपयोग किए जाते हैं।
वर्ल्ड वॉइस डे का इतिहास
वर्ल्ड वॉइस डे मनाने की शुरुआत ब्राजील में वोकल केयर प्रोफेशनल्स के एक समूह ने की थी। 1999 में, डॉ. नेडियो स्टीफ़न की अध्यक्षता में ब्राज़ीलियन सोसाइटी ऑफ़ लेरिंजोलॉजी एंड वॉइस ने पहली बार 16 अप्रैल को ब्राज़ीलियन वॉइस डे के रूप में मनाया। यह दिन पुर्तगाल और अर्जेंटीना में भी मनाया गया। फिर 2002 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलर्यनोलोजी-हेड एंड नेक सर्जरी ने इस दिन को मनाना शुरू किया और इस दिन को विश्व स्वास्थ्य दिवस की आधिकारिक मान्यता मिली।
विश्व श्रवण दिवस 2024 थीम
प्रत्येक वर्ष विश्व सवास्थ्य संगठन ने विश्व श्रवण दिवस के लिए थीम निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम ”सभी के लिए कान और श्रवण की देखभाल” है।
महत्व
इसका उद्देश्य बहरेपन के शिकार लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है तथा उनके बेहतर इलाज के लिए सुविधाएं मुहैया करवाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साल 2021 में जारी एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो दुनियाभर में तेजी से लोग इस समस्या से ग्रस्त होते जा रहे हैं। 20 में से एक व्यक्ति सुनने की क्षमता से प्रभावित है।
भारत में प्रेसहायक्यूसिस होना बहरेपन का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। तेज आवाज में गाना सुनने से भी लोग इस समस्या की चपेट में आ जाते हैं।