World Homeopathy Day 2024: जानें 10 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व होम्योपैथी दिवस, क्या है इस साल की थीम
नई दिल्ली। एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी…यह सब किसी बीमारी को समाप्त करने के लिए इलाज की विधियां है..हालांकि मौजूदा समय में सबसे ज्यादा प्रचलित ऐलोपैथी है…जो इन्सटेंट इलाज के लिए कारगार है…लेकिन कहते है किसी बीमारी को जड़ से खत्म करना है तो होमियोपैथी ही बेस्ट इलाज है… होम्योपैथी के डॉक्टर भी अन्य पैथियों की तरह ही इलाज करते हैं…भारतीय बाजार में मेडिकल स्टोरों पर होम्योपैथी की दवाएं भी बिकती हैं..आइए जानते है होमियोपैथी किसी बीमारी के इलाज के लिए किस तरह काम करती है…
विश्व होम्योपैथी दिवस का इतिहास
होम्योपैथी के जनक माने जाने वाले जर्मन मूल के ईसाई फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल को ही हुआ था। इस साल उनकी 268वीं जयंती है। विश्व होम्योपैथी दिवस केवल डॉ. हैनिमैन की जयंती के उपलक्ष्य में ही नहीं मनाया जाता बल्कि होम्योपैथी को आगे ले जाने की चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों को समझने के लिए भी मनाया जाता है।
इन बीमारियों के लिए बेस्ट होता है होम्योपैथी
बच्चों से जुड़ी बीमारियां, प्रसूति और स्त्री रोग, जोड़ों का दर्द, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी, लिवर से संबंधित परेशानी, एसिडिटी की समस्या, संक्रामक रोगों के लिए होम्योपैथी बेस्ट होता है। कोविड काल के दौरान केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक एलबम का नाम इलाज के लिए सुझाया था।
इस तरह होता है इलाज
होम्योपैथी विशेषज्ञों का कहना है कि इस पैथी में इलाज करते समय यह देखा जाता है कि व्यक्ति को असल में समस्याएं क्या क्या हैं? व्यक्ति की बीमारी को कम देखा जाता है। इस पैथी में यदि एक बीमारी से 6 व्यक्ति संक्रमित हैं तो सभी 6 को एक तरह की दवाएं नहीं दी जाएगीं।
आयुष मंत्रालय करेगा वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन
आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद 10 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर एक वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित कर रही है। जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे।