फरीदाबाद लोकसभा सीट पर कृष्णपाल गुर्जर के सामने किसे उतारेगी कांग्रेस? इन तीन नामों पर मंथन

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। आम आदमी पार्टी ने कुरुक्षेत्र सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। लेकिन कांग्रेस गुटबाजी के चलते अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं कर पाई है।

फरीदाबाद: लोकसभा चुनाव के दंगल में सभी राजनीतिक पार्टियों ने जीत का गुणा-भाग करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बीजेपी ने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है, लेकिन वहीं दूसरी पार्टियां उम्मीदवार घोषित करने में पीछे हैं। कांग्रेस पार्टी पर नजर डालें तो अभी तक फैसला नहीं लिया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में किसे टिकट दी जाए। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने साफ तौर पर सीनियर नेताओं पर दांव खेलने का मन बना लिया है, लेकिन संगठन न होने और सीनियर नेताओं में गुटबाजी के कारण टिकट पर अंतिम फैसला नहीं हो पा रहा है।

सूत्रों की मानें तो सीनियर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप को चुनाव लड़ने के लिए मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ करण दलाल और नीरज शर्मा को भी कांग्रेस टिकट दे सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। जिस तरह से बीजेपी ने फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को बनाया है, उसी तरह कांग्रेस भी चाहती है कि उनके सामने गुर्जर नेता को ही खड़ा किया जाए। कांग्रेसी खेमे में टिकट लेने वालों की लंबी कतार है। एक तरफ से पलवल से कांग्रेस नेता करण दलाल टिकट की दावेदारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ यशपाल नागर के अलावा अन्य नाम भी सुर्खियों में हैं।

सीनियर नेता को मैदान में उतारना चाहती है कांग्रेस
पार्टी चाहती है कि फरीदाबाद लोकसभा से कोई सीनियर नेता ही चुनाव लड़े। सूत्रों की मानें तो कांग्रेसी महेंद्र प्रताप को टिकट दे सकती है, लेकिन अभी इस पर फैसला नहीं हो पाया है। इसके अलावा एक नाम एनआईटी से विधायक नीरज शर्मा का नाम भी टिकट की रेस में है, लेकिन वह इसे खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी से सोनीपत से टिकट की मांग की है। वैसे कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि आलाकमान ने नीरज शर्मा से फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन वह सोनीपत से चुनाव लड़ने के मूड में है। इस कारण टिकट पर फैसला नहीं हो पा रहा है।

अपने नेताओं की कर रहे पैरवी
कांग्रेस संगठन का भी अभाव है जिस कारण सीनियर नेता एकजुट नहीं हो पा रहे हैं। गुटबाजी के कारण सीनियर नेता अपने अपने खेमों के नेताओं को टिकट दिलवाने की पैरवी कर रहे हैं। बहरहाल टिकट की घोषणा न होने के कारण कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उदासीनता छा रही है। कांग्रेस पार्टी सूत्रों की मानें तो टिकट बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला लिया जा चुका है। अप्रैल के पहले हफ्ते में टिकट की घोषणा होना संभव है।

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