Waqf Amendment Bill 2025: तीखी बहस और विरोध के बीच लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना
लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2025 पर दिनभर तीखी बहस और बिल पर पक्ष और विपक्ष की जुबानी जंग के बाद केंद्र सरकार ने आखिरकार इसे पास कराने में सफलता प्राप्त की। वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया, जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े। इस बिल को अब राज्यसभा में भेजा जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री का हमलावर बयान:
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ बोर्ड पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सदन में कई ऐसी संपत्तियों का जिक्र किया, जिन्हें वक्फ ने कथित तौर पर गलत तरीके से अपने नाम कर लिया था। शाह ने बताया कि तमिलनाडु में 250 हेक्टेयर के 212 गांवों को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया। इतना ही नहीं, वहां 400 साल पुराने एक मंदिर की 400 एकड़ जमीन भी वक्फ के नाम कर दी गई।
वक्फ द्वारा कब्जाई गई संपत्तियां:
अमित शाह ने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वक्फ ने राज्य में 29 हजार एकड़ जमीन को बिजनेस के लिए किराए पर दे दिया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 2001 से 2012 के बीच 2 लाख करोड़ की संपत्ति को निजी संस्थानों को 100 साल की लीज पर दे दिया गया था।
मंदिरों और गुरुद्वारों पर दावा:
वहीं, शाह ने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड ने मंदिरों और गुरुद्वारों की जमीनों पर भी कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के एक गांव में महादेव मंदिर और बीड में कांकलेश्वर मंदिर की 12 एकड़ जमीन पर वक्फ ने कब्जा कर लिया। हरियाणा में गुरुद्वारों से जुड़ी 14 जमीनों को वक्फ को सौंप दिया गया। तेलंगाना में 66 हजार करोड़ की 1700 एकड़ जमीन पर भी वक्फ ने दावा किया। प्रयागराज में चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी वक्फ की संपत्ति बता दिया गया।” शाह ने इसे भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का परिणाम बताया।
विपक्ष पर वोटबैंक की राजनीति का आरोप:
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे वोटबैंक की राजनीति के लिए मुसलमानों में डर फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देना नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को रोकने के लिए है। शाह ने कहा, “वक्फ का पैसा गरीब मुसलमानों के लिए है, न कि धन्नासेठों की चोरी के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि 2013 में कांग्रेस ने वक्फ कानून में बदलाव न किए होते, तो आज इस बिल की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
चर्चों का भी समर्थन:
अमित शाह ने बताया कि दक्षिणी राज्यों के कई चर्च इस बिल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ ने ईसाई समुदाय की जमीनों पर भी दावा किया, जिससे वहां के लोग नाराज हैं। शाह ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, “इस बिल से वोटबैंक पक्का करने की उनकी कोशिश नाकाम होगी।”
अंत में, गृह मंत्री ने कहा कि जल्द ही मुस्लिम समुदाय को समझ आ जाएगा कि यह कानून उनके हित में है।
वक्फ संशोधन बिल का महत्व:
वक्फ संशोधन बिल 2025, जो अब राज्यसभा में पेश होगा, भारतीय राजनीति और समाज में वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बिल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और भ्रष्टाचार पर काबू पाने का उद्देश्य है।