नई दिल्ली। हिंदू धर्म में माघ माह की त्रयोदशी तिथि को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है और भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार थे और जब सृष्टि का निर्माण किया गया तब उन्हें ब्रह्माण के शिल्प का कार्य दिया गया है। इसलिए भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माण्ड का प्रथम इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है।
पंचांग के अनुसार इस साल माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी 2024 को शुरू होगी और 22 फरवरी को समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार विश्वकर्मा जयंती 22 फरवरी 2024, गुरुवार को मनाई जाएगी।
विश्वकर्मा जयंती का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की पूजा बहुत ही महत्व रखती है. विशेष तौर पर शिल्पकार और इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा का पूजन अवश्य करते हैं. यह दिन मजदूर, बढ़ई, वास्तुकार, मूर्तिकार और कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए बहुत ही खास होता है. विश्वकर्मा जयंती के दिन वह अपने पूजनीय भगवान विश्वकर्मा की पूजन करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि उन्हें व्यवसाय और कार्य में सफलता हासिल हो.
विश्वकर्मा जयंती पूजा विधि
विश्वकर्मा जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने दुकान, फैक्ट्री, वर्कशॉप या घर में जहां भी पूजा करनी है वहां साफ-सफाई करें. इसके बाद गंगाजल छिड़क कर उस स्थान को स्वच्छ करें. फिर रंगोली बनांए और मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को फूल अर्पित करें और देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें. फिर भगवान विश्वकर्मा के समक्ष हाथ जोड़कर मंत्रों का उच्चारण करें. इस दिन ‘ॐ आधार शक्तपे नम:’, ‘ॐ कूमयि नम:’, ‘ॐ अनन्तम नम:’ मंत्र पढ़ने चाहिए. इसके बाद पूजा में अपने व्यापार से जुड़े औजार, मशीन या कल-पुर्जों को रखें और उनका पूजन करें.