पटना में विश्व हिन्दू परिषद की मातृ ईकाई दुर्गा वाहिनी-मातृशक्ति द्वारा विशाल मान वंदना यात्रा (पथ संचलन) का आयोजन

मुख्य वक्ता ने दुर्गावाहिनी मातृशक्ति की भूमिका पर दिया व्याख्यान

पटना :  विश्व हिन्दू परिषद की मातृ ईकाई दुर्गा वाहिनी-मातृशक्ति द्वारा विशाल मान वंदना यात्रा (पथ संचलन) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दुर्गावाहिनी क्षेत्र संयोजिका डा. शोभा रानी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि दुर्गावाहिनी मातृशक्ति का एक ऐसा आयाम है जो हिन्दू समाज की बहनों के बीच संगठन की सेवा, सुरक्षा, और संस्कार के आदर्श वाक्य के साथ हिन्दू युवतियों को सशक्त बनाने तथा हिन्दू बेटियों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध और कार्यरत है।

अहिल्याबाई होल्कर और रानी दुर्गावती के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान
डा. शोभा रानी सिंह ने पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं और रानी दुर्गावती के 500वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों वीरांगनाओं के संघर्ष और त्याग से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

अहिल्याबाई होल्कर की वीरता और समाज सुधारक कार्य
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के चौड़ी गांव में हुआ था। वे मराठा साम्राज्य की एक सम्माननीय शासक थीं। अपनी वीरता, धार्मिकता, और प्रशासनिक कुशलता से उन्होंने न केवल अपने राज्य को सशक्त किया, बल्कि समाज सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया और काशी विश्वनाथ मंदिर समेत देशभर के मंदिरों और घाटों के पुनर्निर्माण का कार्य किया। वे एक कुशल सैन्य नेता भी थीं जिन्होंने कई युद्धों में भाग लिया और अपनी रणनीति से मराठा साम्राज्य की रक्षा की।

रानी दुर्गावती की शौर्य गाथा
रानी दुर्गावती, जो गढ़ा राज्य की शासक थीं, ने भी कम आयु में राजकाज संभाला और कई युद्धों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने शत्रुओं को पराजित किया। रानी दुर्गावती का शासनकाल 1550 से 1564 तक था। उनका विवाह गढ़ा राज्य के राजपूत राजा दलपत शाह से हुआ था। उनके संघर्ष और वीरता के कारण वे भारतीय इतिहास में एक महान महिला योद्धा के रूप में जानी जाती हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग
इस कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद और दुर्गा वाहिनी के अन्य पदाधिकारी, साथ ही स्थानीय समुदाय के लोग भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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