विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बने, 2015 के हंगामे के बाद राजनीति में बड़ा मोड़

दिल्ली : समय का पहिया घूमा और वही विजेंद्र गुप्ता, जिन्हें कभी विधानसभा से बाहर किया गया था, अब दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बन गए हैं। बीजेपी ने 2025 के दिल्ली चुनाव में चमत्कारी तरीके से जीत हासिल की और पहली बार रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया। इस बदलाव के साथ विजेंद्र गुप्ता की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है।

2015 का हंगामा: जब विजेंद्र गुप्ता को बाहर निकाला गया था
साल 2015 में दिल्ली विधानसभा में बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच विवाद अपने चरम पर था। उस समय आप विधायक अलका लांबा पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बीजेपी विधायक ओपी शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी, जिसे लेकर सदन में भारी हंगामा हुआ। जब स्पीकर राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर जाने को कहा, तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद मार्शल ने उन्हें जबरन बाहर निकाला, और वे कुर्सियों और टेबल से चिपकते रहे, लेकिन उन्हें हटाकर बाहर कर दिया गया।

स्पीकर बनने के बाद विजेंद्र गुप्ता की योजना
विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर बनने के बाद यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सदन में स्वस्थ और प्रभावी चर्चा सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे CAG की 14 लंबित रिपोर्ट को सदन में पेश करेंगे, जिनमें आप सरकार की कथित वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा होगा, जो पहले सार्वजनिक नहीं हो पाई थीं। इससे आप पार्टी के लिए नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: बीजेपी की चौथी मुख्यमंत्री और दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री
दिल्ली की राजनीति में एक और बड़ा बदलाव हुआ जब रेखा गुप्ता को बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। शालीमार बाग से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को इस पद के लिए पूरी तरह से अप्रत्याशित माना जा रहा था। बीजेपी के पूर्व सांसद परवेश वर्मा, जो अरविंद केजरीवाल को हराकर चर्चा में आए थे, को सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन परवेश वर्मा ने खुद रेखा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया और वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। रेखा गुप्ता बीजेपी की चौथी मुख्यमंत्री और दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं।

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