उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जम्मू और कश्मीर में परिवर्तन की ओर बढ़ते कदमों पर दिया जोर

जम्मू और कश्मीर: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज जम्मू और कश्मीर के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के 10वें दीक्षांत समारोह में महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कश्मीर घाटी में मतदान में 30 अंकों की वृद्धि ने लोकतंत्र की असली आवाज़ और जीवंतता को स्थापित किया है। उनका कहना था कि यह क्षेत्र अब संघर्ष की नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की कहानी बन चुका है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “यह क्षेत्र अब नए कश्मीर की ओर बढ़ रहा है, जहां हर निवेश प्रस्ताव केवल पूंजी के बारे में नहीं, बल्कि विश्वास को बहाल करने और विश्वास को पुरस्कृत करने के बारे में है।” उन्होंने इस बदलाव को प्रत्यक्ष और प्रभावी बताया और कहा कि यह बदलाव जमीनी हकीकत बदलने और लोगों की उम्मीदों को नई दिशा देने में सक्षम है।

धनखड़ ने इस अवसर पर यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर में केवल दो वर्षों में 65,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो क्षेत्र में बढ़ती आर्थिक रुचि का स्पष्ट संकेत है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 2019 के बाद पहली बार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जम्मू और कश्मीर में प्रवेश किया है, जिससे यह क्षेत्र विश्वास और पूंजी का संगम बन चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई, जो अलगाव से एकीकरण की ओर बढ़ रही है। उपराष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और सरदार पटेल का भी उल्लेख किया, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

धनखड़ ने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में 2023 में 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों की संख्या आने की संभावना है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा। उन्होंने यह स्वीकार किया कि जम्मू और कश्मीर अब आशा और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है।

इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रवाद और नागरिक कर्तव्यों पर जोर दिया और कहा कि हमे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाते हुए भारत की यात्रा को तेज़ गति से आगे बढ़ाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने अंत में यह कहा, “बदलाव की हवाएं शांति और प्रगति लेकर आई हैं। आइए हम जम्मू-कश्मीर और भारत के लिए एक नई सुबह के निर्माता बनें।”

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री  उमर अब्दुल्ला, शिक्षा मंत्री सकीना मसूद और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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