वीबीए प्रमुख ने शुरू की ओबीसी कोटा ‘बचाने’ के लिए यात्रा, ‘फर्जी’ कुनबी प्रमाण-पत्रों को रद्द करने की मांग की
मुंबई। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने गुरुवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को ‘बचाने’ और 55 लाख ‘फर्जी’ कुनबी जाति प्रमाण-पत्रों को रद्द करने की मांग को लेकर एक यात्रा शुरू की। यह यात्रा मराठों द्वारा नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा के लिए जारी आंदोलन के बीच की जा रही है।
यात्रा की शुरुआत मध्य मुंबई के दादर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के स्मारक चैत्यभूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद की गई।
वीबीए के राज्य उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मोकाले ने बताया कि प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व में यह यात्रा 7 अगस्त को मुंबई से लगभग 370 किलोमीटर दूर मध्य महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में समाप्त होगी।
मोकाले ने कहा, “यात्रा का उद्देश्य ओबीसी के आरक्षण को बचाने और पिछले एक साल में जारी किए गए 55 लाख फर्जी कुनबी जाति प्रमाण पत्रों को रद्द करने की मांग है।”
वे कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा शुरू किए गए आरक्षण आंदोलन का संदर्भ दे रहे हैं, जिसके तहत मराठों को सरकारी अधिकारियों द्वारा कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। कुनबी प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले मराठा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा लाभ के लिए पात्र हो जाते हैं। कृषि प्रधान कुनबी समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा लाभ मिलता है।
मोकाले ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य महाराष्ट्र विधानसभा में 100 ओबीसी विधायकों को भेजना है, जिनका चुनाव अक्टूबर में होगा। इसके अतिरिक्त, एससी/एसटी को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को दोगुना करने की मांग भी की जा रही है।
यात्रा के दौरान पुणे में महात्मा फुले वाडा और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जन्मस्थली सतारा जिले के नायगांव में रुकने की उम्मीद है।
वीबीए पहले भारतीय गठबंधन का सदस्य था, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर उससे अलग हो गया और हाल ही में महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा।