मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के फ़ील्ड अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जन शिकायतों के निस्तारण में देरी अब भारी पड़ सकती है। अगर किसी ने मिथ्या रिपोर्ट लगाई, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तहसीलों और मंडलायुक्तों को जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के आवेदन लंबित क्यों हैं, इसका जवाब देना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
शासन स्तर पर हर दिन हर जिले की समीक्षा हो रही है, और सभी अधिकारियों की गतिविधियों की सीधी निगरानी की जा रही है। CM योगी ने माताओं, बहनों, और बेटियों की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि लव जिहाद, ईव टीजिंग या चेन स्नेचिंग की घटनाएं होती हैं, तो बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी तक की जवाबदेही तय होगी।
आगामी त्योहारों के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाएं, लेकिन जनता की सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाए।
सड़क यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए CM योगी ने अवैध बस, टैक्सी और पार्किंग स्टैंड चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तेज करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभारी मंत्रियों के साथ नियमित संवाद और समन्वय बनाए रखने और जिले की प्रगति के बारे में उन्हें अपडेट करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही, मानव-वन्य जीव संघर्ष से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।