रामपुर के शाही परिवार की रिश्तेदार हैं यूएस आर्मी की कैप्टन सायमा दुर्रानी

– लखनऊ और रामपुर से अपना ताल्लुक जाहिर कर चर्चा में आई हैं अमेरिकी सेना की सिविल अफेयर्स अधिकारी
– कैप्टन सायमा दुर्रानी से पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां की मुलाकात
– मिक्की मियां के तीसरे चचेरे भाई थे कैप्टन सायमा दुर्रानी के दादा जाहिद खान

रामपुर। लखनऊ और रामपुर से अपना रिश्ता होने की बात कहने वाली अमेरिकी सेना की कैप्टन सायमा दुर्रानी आजकल चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। अमेरिकी सैन्य अधिकारी के बयान के बाद यह बात सामने आई है कि वो रामपुर के शाही खानदान की रिश्तेदार हैं। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां से उनकी रिश्तेदारी हैं और दिल्ली में दोनों की मुलाकात भी हुई है।
पूर्व मंत्री नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि यूएस आर्मी में कैप्टन सायमा दुर्रानी के पिता जाहिद खान रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के बेटे पूर्व सांसद नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां के तीसरे चचेरे भाई थे। जाहिद खान किंग याकूब ऑफ अफगानिस्तान के पौत्र थे। वह अपने माता-पिता और बहन के साथ लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया यूएसए में रहती हैं। उन्होंने बोस्टन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि भारत आने पर कैप्टन सायमा दुर्रानी और नवेद मियां की नई दिल्ली में मुलाकात भी हुई है। इस मुलाकात से खुश दोनों ने अपने रिश्तों और खानदान को लेकर बातचीत की।
काशिफ खां ने बताया कि कैप्टन सायमा दुर्रानी अमेरिकी सेना की सिविल अफेयर्स अधिकारी हैं। उनका मुख्य काम राजनयिक और सिविल-सेना संबंधों को बढ़ावा देना है। उन्होंने 2024 में भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास में हिस्सा लिया। इस अभ्यास में उन्होंने भारत-अमेरिका की दोस्ती को मजबूत करने पर जोर दिया।
कैप्टन सायमा दुर्रानी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि यूएस आर्मी के साथ मैं पहली बार इंडिया आई हूं। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मेरे और मेरी फैमिली के ताल्लुकात लखनऊ और रामपुर से हैं। अभी भी हमारा परिवार वहां पर मौजूद है। मुझे उनसे मिलने का मौका पहली बार मिला है। मेरे दोनों वालदेन डॉक्टर हैं। मेरे दादा-परदादा समेत तीन पीढ़ी इंडियन फौज में नौकरी कर चुके हैं। मैं एक आर्मी के परिवार से हूं। मेरे परदादा पंजाब रेजिमेंट में थे। मैं करीब 16 सालों से यूएस आर्मी में कार्यरत हूं।
काशिफ खां ने बताया कि भारतीय और अमेरिकी सेना के जवानों ने राजस्थान के महाजन फायरिंग रेंज में चल रहे युद्ध अभ्यास के दौरान कई अभ्यास किए, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अधिक तालमेल को बढ़ावा देना है। अभ्यास में प्रशिक्षित पक्षियों द्वारा छोटे ड्रोन को निशाना बनाने, हॉवित्जर, भारी मशीन गन और मोर्टार से फायरिंग और अपने बख्तरबंद वाहनों का प्रदर्शन शामिल था। अभ्यास के दौरान, भारतीय और अमेरिकी सैनिकों ने युद्ध अभ्यास के दौरान आतंकवाद विरोधी अभ्यास किया, जिसमें अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और एएलएच ध्रुव वेरिएंट जैसे हेलिकॉप्टरों ने भी भाग लिया।

 

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