लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी खबर है कि जल्द ही राज्य को एक नया जिला मिल सकता है। यह जिला फरेंदा के नाम से जाना जा सकता है या फिर इसका नाम वीर बहादुर सिंह जनपद रखा जा सकता है। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो उत्तर प्रदेश के जिलों की संख्या बढ़कर 76 हो जाएगी। फिलहाल राज्य में कुल 75 जिले हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, नए जिले के संबंध में राजस्व परिषद ने गोरखपुर के कमिश्नर से रिपोर्ट पेश करने को कहा है। प्रदेश के राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव ने गोरखपुर के जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखकर रिपोर्ट मंगवाई है। डीएम यह रिपोर्ट कमिश्नर के जरिए राजस्व परिषद को भेजेंगे।
तीन तहसीलों को मिलाकर बनेगा नया जिला
नई योजना के तहत महराजगंज और गोरखपुर की तीन तहसीलों को मिलाकर फरेंदा जिला बनाया जाएगा। इसमें महराजगंज की दो तहसीलें फरेंदा और नौतनवा, और गोरखपुर की एक तहसील कैंपियरगंज शामिल होंगी। फरेंदा को आनंदनगर के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों महत्वपूर्ण है ये इलाका
फरेंदा और उसके आस-पास के क्षेत्र नेपाल बॉर्डर के पास स्थित हैं, जो सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। नेपाल पर चीन और पाकिस्तान का प्रभाव होने के चलते इस इलाके पर खास नजर रखना जरूरी है। इसके साथ ही, यह क्षेत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्षेत्र भी रहा है, जिससे इसका राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व भी बढ़ जाता है।
आपत्तियाँ
हालांकि, इस प्रस्तावित जिले के निर्माण को लेकर महराजगंज प्रशासन ने कुछ आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं। प्रशासन का कहना है कि अगर महराजगंज की दो तहसीलें फरेंदा में चली जाती हैं, तो महराजगंज जिले के पास सिर्फ सदर और निचलौल तहसीलें ही बचेंगी, जबकि किसी भी जिले में कम से कम तीन तहसीलें होनी चाहिए।
यूपी के जिलों की मौजूदा स्थिति
उत्तर प्रदेश का सबसे नया जिला संभल है। इसके अलावा हाल के वर्षों में कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, संतकबीर नगर, कुशीनगर, हापुड़ और अमेठी भी नए जिले बने हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों को 18 मंडलों में बांटा गया है। 2011 की जनसंख्या रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या करीब 19.95 करोड़ है, और इसका क्षेत्रफल 240,928 वर्ग किलोमीटर है।
नए जिले की संभावनाएँ
अगर यह योजना अमल में आती है, तो उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक संरचना में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। फरेंदा जिला न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगा, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा और निगरानी को भी मजबूत करेगा।