लखनऊ के प्रयागूज में एक फर्जी एनकाउंटर के मामले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले को लेकर पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने पुलिस को चेतावनी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
सुलखान सिंह ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार और उच्च अधिकारियों के दबाव में पुलिसकर्मी फर्जी एनकाउंटर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों का कोई साथ नहीं देगा और वे जांचों में उलझ कर रह जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने कई पुराने मामलों का जिक्र करते हुए यह बताया कि किस तरह फर्जी मुठभेड़ों के कारण पुलिसकर्मी गंभीर समस्याओं में फंसे हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 22 साल पहले की एक घटना में गाजीपुर के पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई थी, जबकि पीलीभीत जनपद में मुठभेड़ के मामले में 45 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद की सजा मिली थी। सुलखान सिंह ने कहा कि सरकार और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने अधीनस्थों पर नाजायज दबाव डालते हैं, लेकिन जब मामला अदालत तक पहुंचता है, तो उन्हें कोई मदद नहीं मिलती।
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिसकर्मी प्रमोशन और पैसे के लिए फर्जी एनकाउंटर कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी पुलिसकर्मियों को इस तरह की गतिविधियों से आगाह किया है।
सुलखान सिंह ने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी अभी भी सावधान नहीं होते, तो उनके परिवार भी गंभीर संकट में पड़ सकते हैं। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि वे खुद को अपराधी न बनाएं और अपने कर्तव्यों का पालन करें। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने से पुलिसकर्मियों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है, और आगे की जांच का इंतजार किया जा रहा है।