- रिपोर्ट- मंजय वर्मा
जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का लाभ देने की मंशा पर उस वक्त पानी फिर गया जब 3.85 करोड़ रुपये के घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ। जांच में सामने आया है कि फंड का दुरुपयोग कर इसे निजी वेंडरों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
कौन हैं दोषी?
जांच में तत्कालीन उपायुक्त संजय पांडेय और डीएमएम शिखा मिश्रा को घोटाले का जिम्मेदार ठहराया गया है। अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी बिलों के जरिए भुगतान कराए गए और लाभार्थी महिलाओं को योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिला।
क्या सामने आई गड़बड़ियां?
– फंड डायवर्ट कर निजी खातों में ट्रांसफर
– फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान
– बिना लाभ वितरण के फंड का निकासी
– नियमों की खुलेआम अनदेखी