नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किए जाने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंकीपॉक्स स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की।
भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के कोई मामले रिपोर्ट नहीं हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सतर्कता के तहत कुछ उपाय किए जाएँगे। इनमें सभी हवाई अड्डों, समुद्री बंदरगाहों और भूमि क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों को जागरूक करना, 32 परीक्षण प्रयोगशालाओं को तैयार करना, और किसी भी मामले का पता लगाने, आइसोलेट करने और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करना शामिल है।
बैठक में बताया गया कि मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 हफ्ते तक चलता है और मरीज सामान्यत: सहायक प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं। इसका संचरण लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने से होता है और सामान्यत: यौन संपर्क, शरीर/घाव के तरल पदार्थ, या संक्रमित व्यक्ति के गंदे कपड़े/बिस्तर के माध्यम से होता है।
WHO ने जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था और मई 2023 में इसे वापस ले लिया था। विश्व स्तर पर 2022 के बाद से WHO ने 116 देशों से 99,176 मामलों और 208 मौतों की रिपोर्ट दी है। भारत में 2022 के बाद कुल 30 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें आखिरी मामला मार्च 2024 में था।
16 अगस्त को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई। इसमें नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), WHO, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP), और अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे।
हालांकि आने वाले हफ्तों में कुछ आयातित मामलों की संभावना पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता, लेकिन वर्तमान में भारत के लिए बड़े पैमाने पर फैलने और लगातार संचरण का जोखिम कम आंका गया है। मंत्रालय द्वारा स्थिति की करीबी निगरानी की जा रही है।