नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, आईएआरआई के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव, उप महानिदेशक डॉ. डी.के. यादव सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान, कृषि वैज्ञानिक, उद्यमी, स्टार्टअप के प्रतिनिधि तथा खाद्य प्रसंस्करणकर्ता उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि क्षेत्र में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद किसान हैं और अपने खेत में कद्दू, शिमला मिर्च और टमाटर की खेती करते हैं। वे महीने में दो बार अपने खेतों में जाते हैं और खेती की वास्तविकता को समझने की कोशिश करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने आईसीएआर को बधाई देते हुए कहा कि जो किस्में आज प्रदर्शित की गई हैं, वे बड़ी उपलब्धि हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है जिसमें पहला कदम उत्पादन बढ़ाना है, और इसके लिए अच्छे बीजों की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, उन्होंने लैब टू लैंड और आधुनिक कृषि चौपाल की शुरुआत की योजना भी साझा की, ताकि किसान और विज्ञान के बीच बेहतर तालमेल हो सके।
उन्होंने किसानों की उत्पादन लागत कम करने के उपायों की चर्चा की और कहा कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि भेजेंगे। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
शिवराज सिंह ने कहा कि तीसरी प्राथमिकता उत्पादन का उचित मूल्य सुनिश्चित करना है और इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसान के गेहूँ, चावल, मसूर, उड़द और तुअर की पूरी खरीदी की जाएगी, और किसानों को इन उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से मदद प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने किसानों के लिए योजनाओं को तैयार करने में उनकी सक्रिय भागीदारी की बात भी की।
मेले के दौरान किसानों को उन्नत बीज, जैविक खाद, स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन स्प्रे तकनीक, जलवायु अनुकूल तकनीक और बाजार लिंकेज जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को तीन सौ से अधिक स्टॉल्स के माध्यम से प्रदान किया गया। इस आयोजन के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों को अपनाने, वैज्ञानिकों से संवाद करने और अपनी खेती को लाभकारी बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिला।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने “नवोन्मेषी कृषक” और “अध्येता कृषक” पुरस्कारों से सम्मानित किसानों की सराहना भी की, जिन्होंने अपनी खेती में नई तकनीकों का समावेश किया और अनुकरणीय कार्य किए।