केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के दिशा-निर्देशों में बदलाव को दी स्वीकृति

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक ली, जिसमें देश के किसानों के हित में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन के दिशा-निर्देशों में बड़े बदलाव करने की स्वीकृति प्रदान की। इन बदलावों के तहत, किसानों और बीज उत्पादकों के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है और पारंपरिक-देशी बीज किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ और सिर्फ किसानों को मिलना चाहिए, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों के नाम पर किसी और को कोई फायदा न मिले। उन्होंने मिशन के तहत पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण और भंडारण इकाइयों की स्थापना की मंजूरी भी दी।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही, “बीज और रोपण सामग्री” (एसएमएसपी) उप मिशन को “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन” (एनएफएसएनएम) का एक घटक बनाने का निर्णय लिया गया है।

मिशन का उद्देश्य है, भारत के चिन्हित जिलों में सतत क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता वृद्धि के माध्यम से विभिन्न अनाजों का उत्पादन बढ़ाना, साथ ही खेत स्तर पर मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता को बहाल करना। इसके अतिरिक्त, किसानों को बेहतर बाजार संपर्कों के जरिए बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए खेतों पर फसलोपरांत मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना और बीज प्रतिस्थापन दर को सुधारना।

बैठक में केंद्रीय मंत्री ने नई प्रजातियों के प्रदर्शन, प्रमाणित बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए किसानों के लिए सब्सिडी बढ़ाने की मंजूरी दी। इसके साथ ही जलवायु अनुकूल, बायो-फोर्टिफाइड और उच्च उपज देने वाली किस्मों को प्राथमिकता देने की भी घोषणा की। सभी प्रावधानों पर डिजिटली मानीटरिंग की जाएगी और कृषि मैपर तथा साथी पोर्टल का उपयोग किया जाएगा।
इसके अलावा, पारंपरिक बीज किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी गई, क्योंकि ये किस्में फसल विकास, पोषण और स्थानीय अनुकूलन में महत्वपूर्ण हैं। इस प्रक्रिया में इन किस्मों के बीज बैंक के निर्माण और उनके उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम किया जाएगा।
ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण और भंडारण इकाइयों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी गई है, ताकि किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर बीज प्रसंस्करण, सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और भंडारण कार्य किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने गैर पारंपरिक तरीके से आलू बीज उत्पादन के लिए भी नए घटकों को मंजूरी दी है, और बीज उत्पादन, प्रमाणीकरण और टेस्टिंग से जुड़ी सरकारी एजेंसियों को दी जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की गई है। इस बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।