बदायूँ। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, लखनऊ द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना में श्रमिकों को अब अपनी पुत्री के विवाह के तीन माह के भीतर आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है, जो पहले एक वर्ष की अवधि तक था। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ₹55,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी, जबकि अंतर्जातीय विवाह की स्थिति में ₹61,000 और सामूहिक विवाह में प्रतिभाग पर ₹75,000 का लाभ दिया जाएगा। यह राशि सीधे श्रमिक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरित की जाएगी।
योजना के लाभ के लिए आवश्यक है कि निर्माण श्रमिक का पंजीकरण उसकी पुत्री के विवाह के समय कम से कम एक वर्ष पुराना हो। पंजीकृत पुरुष या महिला श्रमिकों की अधिकतम दो पुत्रियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा, साथ ही पंजीकृत महिला श्रमिक अपने स्वयं के विवाह के लिए भी इस सहायता का लाभ ले सकती हैं।
आवेदन के साथ वर-वधू के आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, श्रमिक का राशन कार्ड या समतुल्य दस्तावेज, विवाह कार्ड, ग्राम प्रधान या सभासद द्वारा प्रमाणित दस्तावेज, वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से अधिक होने का प्रमाण, तथा स्वघोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। श्रमिक द्वारा एक वर्ष में कम से कम 90 दिन निर्माण कार्य का प्रमाण पत्र भी अनिवार्य है।
आवेदन यूपीबीओसीडब्ल्यू पोर्टल या किसी भी जनसुविधा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। सहायता के लिए सहायक श्रमायुक्त, बदायूँ के कार्यालय, कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष संख्या 26 में संपर्क किया जा सकता है।