क्षय रोग कार्यक्रम: बदायूं में सीएचओ के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

बदायूं: जिले में क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एनएचएम सभागार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, बदायूं में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रशिक्षण का उद्देश्य टीबी रोगियों की शीघ्र पहचान, उपचार, और निगरानी सुनिश्चित करना है।

क्षय रोग के लक्षण और पहचान प्रक्रिया
प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को टीबी के मुख्य लक्षणों की पहचान के बारे में बताया गया, जिनमें शामिल हैं:

दो सप्ताह से अधिक खांसी रहना
लगातार बुखार, विशेषकर शाम के समय बढ़ना
वजन कम होना और भूख न लगना
रात में अत्यधिक पसीना आना
सीने में दर्द और कभी-कभी बलगम में खून आना
इन लक्षणों वाले किसी भी मरीज से तुरंत बलगम के दो नमूने (स्पॉट और मॉर्निंग) लिए जाएंगे। डाक विभाग या स्पुटम ट्रांसपोर्टर के माध्यम से ये नमूने निकटतम सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजे जाएंगे।

नए मरीजों का इलाज और जांच प्रक्रिया
टीबी की पुष्टि होने पर मरीज को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बुलाकर आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोन नंबर) जमा करवाने होंगे। मरीज को वहीं पर निश्चय आईडी दी जाएगी और उनका इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही, मरीज की एचआईवी और शुगर जांच भी सेंटर पर ही की जाएगी।

टीबी मरीजों के लिए बढ़ी वित्तीय सहायता
टीबी मरीजों को मिलने वाली वित्तीय सहायता राशि को 1 नवंबर से बढ़ाकर ₹1,000 प्रतिमाह कर दिया गया है, जो सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।

टीबी फ्री पंचायत योजना
भारत सरकार द्वारा “टीबी फ्री पंचायत” अभियान भी शुरू किया जा रहा है। जो पंचायतें टीबी मुक्त घोषित होंगी, उन्हें गांधी प्रतिमा और प्रमाण पत्र देकर विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर सम्मानित किया जाएगा।

प्रशिक्षण का नेतृत्व और लक्ष्य
प्रशिक्षण का नेतृत्व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनेश कुमार, एसटीएस बृजेश राठौर, और जिला समन्वयक आसिफ रजा कर रहे हैं। पहले दिन 41 सीएचओ ने इसमें भाग लिया। यह प्रशिक्षण 22 नवंबर तक चलेगा, जिसमें जिले के सभी सीएचओ को प्रशिक्षित किया जाएगा।

निश्चय दिवस कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश सरकार हर महीने की 15 तारीख को सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर “एकीकृत निश्चय दिवस” मनाती है। इस दिन टीबी, कुष्ठ, और कालाजार के मरीजों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाता है।

स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.