मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम

अपर जनपद न्यायाधीश ने दिया महत्व, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आयोजित किया कार्यक्रम

बदायूं, 18 दिसंबर: मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा 17 और 18 दिसंबर 2024 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जनपद न्यायालय परिसर स्थित केंद्रीय सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों और कानूनी सेवाओं के बारे में जानकारी देना था। अपर जनपद न्यायाधीश और सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती शिव कुमारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि अन्य प्रमुख वक्ताओं में डॉ. सत्यवीर सिंह (डिप्टी चीफ, एलएडीसी), पराविधिक स्वयंसेवक, सम्मानित अधिवक्ता तथा अन्य सदस्य शामिल थे।

मनोचिकित्सक और जेल अधिकारियों का योगदान
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. सर्वेश कुमारी, मनोचिकित्सक, जिला पुरुष अस्पताल, बदायूं ने मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकारों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने दिव्यांग अधिकार अधिनियम के तहत इन व्यक्तियों को अदालतों और अन्य न्यायिक निकायों तक पहुँचने का अधिकार प्रदान किया।

जिला कारागार, बदायूं के कारापाल, कुंवर रणंजय सिंह ने जेल में बंद मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए उपचार की सुविधाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मानसिक विकार से ग्रस्त व्यक्ति एमएचसीए के तहत मुफ्त कानूनी सेवाएं प्राप्त करने का हकदार होता है।

बाल संरक्षण और दिव्यांग योजनाओं पर जानकारी
बाल संरक्षण अधिकारी, रवि कुमार ने सरकारी योजनाओं और 181, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन के बारे में बताया, जिससे लोग घरेलू हिंसा और अन्य समस्याओं से निपटने के लिए सहायता ले सकते हैं।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, प्रणव पांडे ने दिव्यांगजन के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं जैसे शादी विवाह प्रोत्साहन योजना, पेंशन योजना आदि के बारे में जानकारी दी।

विधिक सेवा योजनाओं और संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा
सहायक विकास अधिकारी (सामाजिक कल्याण), सुश्री नीरज सागर ने मानसिक विकार और दिव्यांगजन से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में “हक हमारा भी है” विषय पर शॉर्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया, जो उपस्थित लोगों को जागरूक करने में सफल रहा।

कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में श्रीमती शिव कुमारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी प्रशिक्षकों और रिसोर्स पर्सन का धन्यवाद किया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए, मानसिक विकार और बौद्धिक विकलांगता से ग्रस्त व्यक्तियों को कानूनी सहायता देने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने का संकल्प लिया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.