आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में ऐलनाबाद में निकला ट्रैक्टर रोष मार्च

केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन

ऐलनाबाद, 17 दिसंबर : केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को लागू न किए जाने के विरोध में आज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की कॉल पर ऐलनाबाद में ट्रैक्टर रोष मार्च निकाला गया। यह विरोध मार्च शहर के राम लीला ग्राउंड से शुरू होकर सिरसा रोड स्थित एसडीएम कार्यालय तक पहुंचा, जहां किसानों ने राष्ट्रपति के नाम जगजीत सिंह डल्लेवाल का खून से लिखा हुआ पत्र एसडीएम राजेश कुमार को सौंपा।

किसानों की लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी

किसान नेताओं, जैसे कामरेड सुरजीत सिंह, प्रकाश ममेरा, सरबजीत सिंह सिद्धू और सुरिंद्र सिंह सिद्धू ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कुछ मांगों को स्वीकार किया था और उन्हें जल्दी लागू करने का वादा किया था। लेकिन, सरकार ने उन मांगों को अभी तक लागू नहीं किया है, जिससे किसान एक बार फिर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं।

21 दिनों से अनशन पर बैठे हैं किसान नेता डल्लेवाल

किसान नेताओं ने यह भी कहा कि दिग्गज किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 21 दिनों से अनशन पर बैठे हैं, ताकि उनकी मांगें सरकार से मान्य करवाई जा सकें। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है और दिल्ली जाने के लिए किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है, जो कि किसानों के अनुसार अति निंदनीय है।

आंदोलन जारी रखने का संकल्प

किसानों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें लागू नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर अनशन के कारण कोई प्रतिकूल असर पड़ता है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकार की होगी।

भारी पुलिस बल की तैनाती

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान डीएसपी संजीव बलिहारा और थाना प्रभारी जगदीश चंद्र के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात था। किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए आंदोलन की ताकत को और मजबूत किया।

किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति

इस मौके पर किसानों के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें गुरदीप सिंह गुराया, अमरजीत सिंह बराड़, सुरिंदर खोसा, प्रकाश बाना, गगन कुलार, महावीर गोदारा, पवन गोदारा, रणजीत सिंह विर्क, गुरलाल ढिल्लों और कुलदीप मुदलिया शामिल थे। इस आंदोलन में क्षेत्र के सैकड़ों किसान भी मौजूद थे।

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