किसानों से हो गेहूं की अधिकाधिक खरीद : संजीव चोपड़ा
रोहतास जिले के कई गेहूँ क्रय केन्द्रों का सचिव ने किया निरीक्षण
पटना । भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने बिहार में किसानों के पंजीकरण की संख्या और सुविधाएं बढाने का सुझाव दिया है । वे बुधवार को रोहतास जिले के अकोढ़ा पैक्स और बक्सर जिले के कुकुढ़ा पैक्स का निरीक्षण कर रहे थे । उन्होंने उचित मूल्य की दुकान चुरमानपुर, बक्सर का निरीक्षण किया । साथ ही बक्सर जिले के नवनिर्मित साइलो गेहूँ क्रय केंद्र का निरीक्षण किया और पाया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा बिहार में गेहूँ अधिप्राप्ति निर्देशों के अनुसार हो रही है।
इस अवसर पर बिहार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार, भारतीय खाद्य निगम मुख्यालय, नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक डॉ अजीत कुमार सिन्हा, भारतीय खाद्य निगम आंचलिक कार्यालय कोलकाता के कार्यकारी निदेशक(पूर्वी अंचल) ए.एस.अरुणाचलम, महाप्रबंधक(बिहार क्षेत्र) अमित भूषण एवं बक्सर और रोहतास के जिलाधिकारी भी मौजूद थे।
बाद में श्री चोपड़ा ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की । बैठक में भारतीय खाद्य निगम, एन.सी.सी.एफ. और नाफेड के अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में प्रधान सचिव, सहकारिता विभाग संतोष कुमार मल्ल, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग डॉ. एन. सरवण कुमार, भारतीय खाद्य निगम कार्यकारी निदेशक डॉ अजीत कुमार सिन्हा, कार्यकारी निदेशक(पूर्वी अंचल) ए. एस. अरुणाचलम, महाप्रबंधक(बिहार क्षेत्र) अमित भूषण, नाफेड की तरफ से कार्यकारी निदेशक कमलेन्द्र श्रीवास्तव, महाप्रबंधक अभिषेक कुमार, स्टेट हेड रंजय कुमार, एन.सी.सी.एफ की तरफ से महाप्रबंधक शौकत अली, शाखा प्रबंधक राजेश कुमार भी मौजूद थे
सचिव खाद्य, भारत सरकार और मुख्य सचिव, बिहार ने संयुक्त रूप से गेहूँ खरीद की समीक्षा की। बैठक में बिहार द्वारा कुल 6 लाख मीट्रिक की गेहूँ खरीद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चर्चा की गई। अपने सम्बोधन में सचिव खाद्य, भारत सरकार ने बिहार सरकार, नाफेड, एन.सी.सी.एफ., भारतीय खाद्य निगम को किसानों के पंजीकरण की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि क्रय केंद्र पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। सचिव खाद्य, भारत सरकार ने बिहार राज्य के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य रु. 2275/- प्रति क्विंटल का लाभ और भुगतान 48 घंटे के अंदर हो इसपर जोर दिया।