देश की दूसरी बड़ी आबादी के साथ इंसाफ नहीं हुआ: पूर्व मंत्री आबिद रज़ा 

वक्फ बिल कानून संसद में पास होना देश में प्रजातंत्र का बड़ा नुकसान है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी के खिलाफ फैसला है, यह फैसला ताकत की बुनियाद पर लिया गया, बहुमत के आधार पर बिल पास कराया गया है, लेकिन इंसाफ नही हुआ।

वक्फ बिल संसद में पास कराने के लिए केन्द्र सरकार ने अपने घटक दलों पर दबाब बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से “आरंगजेब शिवाजी” जैसे मुद्दे से देश की जनता को Warm-up करके देश में नफरत फैलाने की कोशिश की, ताकि देश का नौजवान रोजगार न मांग सके, गरीब महंगाई को भूल जाए, किसान अपनी फसल का उचित दाम न मांग सके। पूरे देश का हिन्दु मुसलमान प्यार मोहब्बत व भाईचारे के साथ मिल जुल कर रहना चाहता है।

अधिकांश सांसद या विधायक 35% से 40% वोट पाकर जीतते है। लगभग 60% वोट सांसद, विधायक के खिलाफ जाता है, इसलिए संसद में जिन सांसदों ने “वक्फ बिल” के हक में वोट दिया इससें यह तय नहीं होता कि देश की जनता “वक्फ बिल” पास कराना चाहती है। यह कदम भारत की धर्म निरपेक्षता व प्रजातंत्र के खिलाफ है।

इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगे देश की दूसरी सबसे बडी आबादी को सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की पूरी उम्मीद है।

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