ऐलनाबाद,22फरवरी (एम पी भार्गव) ऐलनाबाद के वार्ड नंबर 17 के बीचो-बीच लगभग आधा किलोमीटर की दूरी में एफसीआई गोदाम बाईपास से लेकर हनुमानगढ़ रोड के पुल तक गुजरने वाला सिंचाई विभाग का ओपन माइनर वार्ड वासियों के साथ-साथ शहर वासियों के लिए मौत का कुआं बना हुआहै.यहां पर यह ओपन माइनर लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है गौरतलब है कि इस गहरे माइनर के दोनों तरफ नगर पालिका की पक्की सड़क बनी हुई है. यहां पर दिन रात सैकड़ो वाहनों के रूप में ट्रैफिक चलने के साथ-साथ महिलाओं,बच्चों, व बुजुर्गों का आना जाना बना रहता है. माइनर आबादी के बीच में होने के कारण व माइनर के किनारे पर घर बने होने के कारण यहां पर छोटे बच्चे इसके किनारे पर घूमते हुए खेलते रहते हैं कई बार तेज गति में जाते हुए व्हीकल इस माइनर में गिर भी जाते हैं जिससे लोग चोटिल होते रहते हैं आबादी के बीच में इस माइनर के ओपन होने के कारण इसका पानी भी यहां पर विभिन्न कारण से दूषित होता रहता है,जिसके कारण इसका पानी सिंचाई के लिए प्रयोग करने वालों व पानी पीने वाले लोगोंके लिए बहुत खतरनाक है.
इसी माइनर का पानी यहां से आगे गांव ढाणी शेरा,काशी का बास, किशनपुरा के खेतों में न केवल फसलों की सिंचाई के लिए काम लिया जाता है बल्कि इस क्षेत्र के किसान,मजदूर आदि जहां खुद इस पानी को पीते हैं वहीं वे अपने पशुओं को भी पिलाते हैं परंतु ऐलनाबाद के वार्ड नंबर 17 के बीचो-बीच से गुजरने वाली इस ओपन माइनर में शहर के लोग यहां पर गली-सड़ी चीज व कचरा आदि पानी के अंदर बहाते रहते हैं तथा यहां पर शहर की मल- मूत्र की कुइयो की सफाई करने वाले टैंकर की गंदगी को यहां इसी माइनर में टैंकर को खाली करते कई बार देखे गए हैं जिस कारण इस माइनर का पानी दूषित होता हैl स्थानीय लोगों के साथ-साथ किसानों ने भी नगर पालिका ऐलनाबाद से इस ओपन माइनर के लगभग आधा किलोमीटर के इस हिस्से को पक्का करके सीमेंट के ब्लॉक्स ऊपर डालकर बंद करने की मांग की है. यहां निवास करने वाले मलकीयत सिंह खोसा ने जिनके घर इस ओपन माइनर के किनारे हैं का कहना है कि इस माइनर के दोनों तरफ पक्की सड़क बनी हुई है वाहन चालक बहुत ही ज्यादा स्पीड से इन सड़कों पर अपने वाहन दौड़ते हुए निकलते हैं और थोड़ी सी चूक होते ही उनके इस माइनर में गिर जाते हैं यहां पर आए दिन वाहन गिरते रहते हैं पर शुक्र है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा किसी की जान के रूप में इस माइनर में नहीं हुआ है. मोटरसाइकिल सवरों की संख्या इसमें गिरने वालों की अधिक रहती है एडवोकेट वीरेंद्र सिंह भादू का कहना है कि मैं वर्षों से इस माइनर के किनारे पर रहता हूं वार्ड नंबर 17 के बीचो-बीच में से गुजरने वाले इस ओपन माइनर में किसी न किसी प्रकार के हादसे होते रहते हैं दो-तीन बार स्कूल वेन भी फिसल कर इस माइनर में चली गई.लोग इसमें मरे हुए कुत्ते बिल्ली वह अन्य जानवर डाल जाते हैं परिणाम स्वरुप इन मरे हुए जानवरों की वजह से यहां सारा दिन बदबू का माहौल बना रहता है इसके साथ-साथ यह माइनर ओपन होने के कारण पानी में आने वाले सांप माइनर से निकलकर माइनर के आसपास बने घरों में घुस जाते हैं एडवोकेट वीरेंद्र भादू ने कहा कि इस माइनर से गांव ढाणी शेरा के साथ-साथ गांव काशी का बास व गांव किशनपुरा की खेती के रकबो में पानी लगता है वहीं खेतों में काम करने वाले किसान मजदूर व इसके आसपास बनी ढाणीयो में रहने वाले लोग इस माइनर का पानी स्वयं प्रयोग करते हैं वहीं वे अपने पशुओं को भी इसका पानी पिलाते हैं परंतु जब यह ओपन माइनर ऐलनाबाद की आबादी एरिया में से होकर गुजरती है तो वहां पर इसमें हर प्रकार की शहरी गंदगी लोगों के द्वारा डाली जाती है. इसके अतिरिक्त इस ओपन माइनर के किनारे पर मीट विक्रेताओं की दुकान भी है यह मीट विक्रेता माइनर के किनारे ही मुर्गा आदि काटकर उनके अवशेष माइनर में डाल देते हैं परिणाम स्वरूप इस माइनर के पानी को जहां खेतों में लगाने में ग्लानि होती है वहीं इसका अपनी स्वयं इंसानों के पीने व पशुओं को पिलाने के काबिल भी नहीं रह जाता है.
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