हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं, जिनमें मंगलवार का दिन विशेष रूप से रामभक्त हनुमान जी की पूजा के लिए माना जाता है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वह अपने भक्तों के जीवन में आ रहे कष्टों और संकटों को दूर करते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में सिंदूर अर्पित करने की परंपरा है। मान्यता है कि बिना सिंदूर अर्पित किए हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि महिलाओं का यह सिंदूर हनुमान जी को इतना प्रिय क्यों है? आइए जानते हैं इसके पीछे छिपी पौराणिक कथा के बारे में।
हनुमान जी को क्यों प्रिय है सिंदूर? हनुमान जी को सिंदूर क्यों पसंद है, इसका उत्तर रामायण में छिपा हुआ है। रामायण के अनुसार, एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं। यह देखकर हनुमान जी के मन में यह सवाल आया कि सीता माता अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगा रही हैं। हनुमान जी ने माता सीता से पूछा, “माता, आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगा रही हैं?” तो माता सीता ने उत्तर दिया, “सिंदूर लगाने से मेरे पति श्रीराम की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की इच्छा पूर्ति होती है। इसलिए सभी सुहागनें अपने पति की लंबी आयु के लिए सिंदूर लगाती हैं।”
जब हनुमान जी ने सुना कि सिंदूर लगाने से भगवान श्रीराम की उम्र लंबी होगी, तो उन्होंने सोचा कि क्यों न वह खुद को पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लें, ताकि श्रीराम अमर हो जाएं। यह विचार कर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया और श्रीराम की सभा में पहुंच गए। हनुमान जी के इस रूप को देखकर जहां सभी लोग हंसी में डूब गए, वहीं भगवान राम उनके भोलेपन पर बहुत प्रसन्न हुए। कहा जाता है कि तभी से हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने का तरीका मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें सिंदूर अर्पित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वह प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सिंदूर अर्पित करने का सही तरीका यह है कि पहले सिंदूर को चमेली के तेल में घोलकर एक लेप बना लें। यदि चमेली का तेल उपलब्ध न हो तो आप देसी घी में भी सिंदूर मिला सकते हैं। इसके बाद यह मिश्रण हनुमान जी की प्रतिमा पर अर्पित करें। इससे हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होंगे।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। कृपया किसी भी प्रकार की पूजा विधि या अन्य धार्मिक कार्यों के लिए विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।