हिंदू परिवार की पुश्तैनी ज़मीन को वक्फ प्रॉपर्टी बताकर दरगाह से निकली भीड़ ने किया हमला, पत्थरबाजी और 15 पर FIR

हमलावरों ने सुनील की बनाई बॉउंड्री को गिरा दिया और आसपास के वाहनों व मेज-कुर्सियों को तोड़ा। पुलिस ने फरमान और रफीक को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

एटा : हिंदू परिवार की पुश्तैनी ज़मीन को वक्फ प्रॉपर्टी बताकर उस पर कब्ज़ा करने की कोशिश और फिर उसके बाद दरगाह से निकली लाठी-डंडों वाली भीड़ द्वारा हमला करना, समाज में असमंजस और तनाव को जन्म दे सकता है। ऐसी घटनाएँ साम्प्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित करती हैं और पुलिस-प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जरूरत होती है ताकि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही हो सके और स्थिति को शांत किया जा सके।

यह घटना भीड़ की हिंसक कार्रवाई के रूप में सामने आई है, जिसमें पत्थरबाजी की गई और 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। अगर यह जमीन का विवाद धार्मिक या सांप्रदायिक रूप से जुड़ा हुआ है, तो यह मामले की जटिलता को और बढ़ा सकता है।

हिन्दू दरगाह वक्फ बोर्ड
एटा में हिन्दू के खेत को वक्फ की जमीन बता कर दरगाह से निकली मुस्लिम भीड़ द्वारा पत्थरबाजी, फरमान (बाएँ) और रफीक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक हिन्दू परिवार की जमीन को वक्फ की सम्पत्ति बताते हुए मुस्लिम भीड़ ने हमला किया है। हमलावर एक दरगाह से जुड़े लोग बताए जा रहे हैं जिन्होंने पत्थरबाजी की और लाठी-डंडे चलाए। हमले में उपाध्याय परिवार के 3 सदस्य घायल हो गए हैं जिनका इलाज चल रहा है। घटना रविवार (24 नवंबर 2024) की है। नामजद किए गए 15 हमलावरों में पुलिस ने अब तक फरमान और रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी हमलावरों की तलाश जारी है।

यह मामला एटा जिले के थानाक्षेत्र जलेसर का है। शनिवार की रात यहाँ सुनील कुमार उपाध्याय ने पुलिस में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि वसंत टाकीज के पास उनकी 24 बीघा जमीन है। इसी जमीन से थोड़ी दूर सड़क पार एक दरगाह की जमीन है। दरगाह से जुड़े लोग सुनील की पुश्तैनी जमीन पर विवाद खड़ा कर रहे थे। दरगाह कमेटी इस जमीन के वक्फ की सम्पत्ति होने का दावा कर रही थी। इसी विवाद के बाद इसी माह 6 नवबंर को स्थानीय प्रशासन ने जमीन को नाप कर मामले का निपटारा कर दिया था।

पैमाइश के दौरान वहाँ वक्फ बोर्ड से जुड़े लोग भी थे। कोई विवाद दोबारा न हो इसके लिए रविवार (24 नवंबर) को सुनील अपने परिजनों के साथ मिल कर प्रशासन द्वारा चिन्हित अपनी जमीन की बॉउंड्री करवा रहे थे। शाम लगभग 4:30 पर अचानक निर्माण कार्य के दौरान वहाँ मुस्लिम भीड़ पहुँच गई। इनके हाथों में पत्थर और लाठी -डंडे थे। भीड़ में से एक हमलावर ने सुनील के परिवार को देखते ही कहा, “आज सालों को जान से मार दो।”

इसी के बाद हिंसक भीड़ ने उपाध्याय परिवार पर हमला कर दिया। लाठी-डंडों को चलाने के साथ पत्थरबाजी भी की गई। कुछ हमलावरों ने सुनील द्वारा बनवाई गई बॉउंड्री को भी गिरा दिया। हमलावरों की तादाद लगभग 150 के आसपास बताई जा रही है। ये भीड़ दरगाह की तरफ से आ रही थी। बॉउंड्री गिराने के साथ हमलावरों ने वहाँ खड़े वाहनों और मेज कुर्सियों में भी तोड़फोड़ की। इस हिंसा से आसपास अफरातफरी का माहौल बन गया। आसपास के दुकानदारों ने डर से अपनी दुकानें बंद कर दीं।

हिंसक भीड़ की पिटाई से उपाध्याय परिवार के मोनू, संजय और सुरेश घायल हो गए हैं। इन तीनों का इलाज करवाया जा रहा है। कुछ राहगीर भी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। जैसे-तैसे सुनील ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस फ़ौरन ही मौके पर पहुँची। पुलिस की गाड़ियाँ आती देख कर हमलावर मौके से फरार हो गए। जाते-जाते उन्होंने सुनील और उनके परिजनों के कत्लेआम की भी धमकी दी। पीड़ित ने आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग की है।

सुनील उपाध्याय ने अपनी शिकायत में रफीक, अरमान, बबलू, वसीम, फरमान, नासिर, शाकिर, दानिश, नदीम, नासिर, अरशद, शकील, इरफ़ान, महफूज, यामीन और मुज़म्मिल को नामजद किया है। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191 (2), 191 (3), 190, 109, 115 (2), 352, 351 (3), 125 और 324 (4) के साथ आपराधिक कानून संसोशन अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है।

ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है। इस हिंसा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस टीमों का गठन कर के फरार आरोपितों की तलाश में दबिश डाली गई। सोमवार (25 नवंबर) को पुलिस ने फरमान और रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल पर पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

सौजन्य : opindia

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