मोदी पर जनता के विश्वास का जादू…, ,*दुनिया में दूसरा ऐसा कोई उदाहरण नहीं…

(एम पी भार्गव, ऐलनाबाद): देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया में यह अकेला और अभिनव उदाहरण है कि, लगभग 33 लाख करोड़ की राशि बिना किसी गारंटी के 52 करोड़ लोगों को बैंकों द्वारा वितरित की गई। योजना को लागू हुए दस वर्ष हो गए लेकिन इस दौरान 52 करोड़ लोगों द्वारा क़र्ज़ के रूप में ली गई इस लगभग 33 लाख करोड़ की राशि में NPA लोन का प्रतिशत मात्र 2.21% है। उल्लेखनीय है कि NPA का मतलब होता है। “नॉन-परफॉर्मिंग एसेट” (Non-Performing Asset), यानी ऐसे ऋण जो बैंक या किसी वित्तीय संस्थान के लिए आय उत्पन्न करना बंद कर देते हैं, क्योंकि उधार लेने वाला बैंक को ब्याज या मूलधन का भुगतान करने में 90 दिनों से अधिक समय तक नहीं करता है। आज़ाद भारत के इतिहास में मुद्रा योजना अकेली ऐसी बैंकिंग ऋण योजना है जिसमें NPA इतना कम, मात्र 2.21 प्रतिशत रहा है। NPA का प्रतिशत इतना कम होना इस योजना की अभूतपूर्व सफलता का प्रमाण है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के दस साल पूरे होने का जश्न मना रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजना है, जिसे छोटे व्यापारियों को उनके व्यापार के लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से लाया गया. 8 अप्रैल 2015 को प्रारंभ होने के बाद से, PMMY ने 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए हैं, जिससे देश भर में उद्यमिता क्रांति को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 8 अप्रैल 2015 को शुरू किया गया था। इसका मकसद छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारियों, स्टार्टअप्स और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के लोन दिया जाता है। इस योजना का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि, इसे अब तक के इतिहास की सबसे सफल और लोकप्रिय हुई योजना कहा जा सकता है।

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