महाराष्ट्र से आया जत्था, गुरु नगरी अमृतसर और पंजाब के ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कर हुआ भावुक

अमृतसर। पंजाब और हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों का दर्शन करने के लिए महाराष्ट्र से एक जत्था गुरु नगरी अमृतसर पहुंचा। जत्थे के सदस्यों ने कहा कि उन्हें पंजाब के वीर शहीदों और आज़ादी के इतिहास के बारे में जानने की विशेष रुचि थी। इन स्थलों को देखने के बाद वे भावुक हो गए और शहीदों के बलिदान पर गर्व महसूस किया।

पहला प्रणाम बाबा साहब अंबेडकर को
अमृतसर पहुंचने के बाद जत्थे ने सबसे पहले बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति को नमन किया। इसके बाद वे जलियांवाला बाग पहुंचे, जहां 1919 के भीषण हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इस स्थल पर आकर वे अपने पूर्वजों के बलिदान को महसूस कर पाए, जिससे उनकी छाती गर्व से चौड़ी हो गई।

ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण
महाराष्ट्र से आए इस जत्थे ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया।

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गर्व और भावुकता का मिला एहसास
जत्थे के सदस्यों ने कहा कि पंजाब की भूमि पर आकर उन्हें जहां खुशी महसूस हो रही है, वहीं शहीदों की कुर्बानी के बारे में जानकर गर्व भी महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, “इतिहास देखकर हमें अहसास हुआ कि हमारे पूर्वजों ने देश के लिए कितनी बड़ी कुर्बानियां दीं, जिससे भारत आज अखंड और स्वतंत्र है।”

पंजाब की मेहमाननवाज़ी की तारीफ
जत्थे के सदस्यों ने कहा कि पंजाब के लोगों ने जो सम्मान और प्रेम दिया, उसे वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने सभी भारतीयों से एकता और आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की। जत्थे के सदस्यों ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों से मिली प्रेरणा को अपने राज्य महाराष्ट्र में भी साझा करने का संकल्प लिया।

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