बुजुर्ग महिला ने अपने हाथों से चुन-चुन कर बेर दिए खाने के लिए

  • रिपोर्ट- मंजय वर्मा  

मिर्जापुर।  (mirzapur) आप कितना भी बड़े क्यों न हो जाएं, लेकिन आपका व्यवहार ही आपको आगे ले जाता है और आपके अंदर मौजूद मानवीय गुण ही आपको लोकप्रिय बनाते हैं। गुरुवार दोपहर विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंची मिर्जापुर(mirzapur) जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन का एक भावुक कर देने वाला दृश्य सामने आया।

बुजुर्ग महिला की भावुक कर देने वाली बात

जिलाधिकारी जब मंदिर में दर्शन-पूजन करने के बाद वापस अपने वाहन की ओर जा रही थीं, तभी पुरानी वीआईपी गेट के प्रथम द्वार पर दो महिलाओं को बेर बेचते देखा। उन्होंने रुककर उन महिलाओं से हाल-चाल पूछा और जानना चाहा कि अब तक कितने बेर बिक चुके हैं। इस पर बुजुर्ग महिला ने भावुक होकर जवाब दिया, “बिटिया, बस पेट भरई के खातिर बेच चुकी हई।”

यह सुनते ही मिर्जापुर(mirzapur) जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन भी भावुक हो गईं। उन्होंने अपना पर्स खोला और उसमें मौजूद सभी पैसे उस बुजुर्ग महिला को दे दिए। इसके बाद उन्होंने खुद भी कुछ बेर खाए और फिर आगे बढ़ गईं। यह देखकर वहां मौजूद अन्य लोग भी भावुक हो उठे और इस आत्मीय क्षण को निहारते रहे। बुजुर्ग महिला के चेहरे पर संतोष और खुशी झलक रही थी।

जिलाधिकारी के मानवीय व्यवहार की सराहना

इस घटना ने यह प्रमाणित कर दिया कि मीरजापुर की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन केवल प्रशासनिक कार्यों में ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के हित में भी सोचती और कार्य करती हैं। उनके इस मानवीय व्यवहार ने वहां मौजूद लोगों को प्रेरित किया कि इंसान की महानता उसके पद या धन से नहीं, बल्कि उसके आचरण और संवेदनशीलता से आंकी जाती है।

समाज के लिए प्रेरणा

व्यक्ति की प्रतिष्ठा और लोकप्रियता उसके व्यवहार और मानवीय गुणों पर निर्भर करती है। कोई भी पद कितना भी बड़ा क्यों न हो, लेकिन यदि व्यक्ति के पास अच्छा व्यवहार और संवेदनशीलता नहीं है, तो वह कभी भी समाज में लोकप्रिय नहीं हो सकता।

इस घटना से जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के व्यवहार की सराहना की जा रही है। उनका यह सराहनीय कार्य लोगों को प्रेरित करता है कि वे भी दूसरों की मदद करने के लिए आगे आएं और जरूरतमंदों की सहायता करें।

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