किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती हालात और किसानों का उग्र होना, सरकार के लिए चेतावनी का संकेत
ऐलनाबाद: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि किसान आंदोलन और उनकी मांगों को लेकर केंद्र सरकार की उदासीनता बेहद चिंताजनक है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति और किसानों के उग्र रवैये को सरकार के लिए चेतावनी का संकेत मानते हुए कुमारी सैलजा ने जल्द समाधान निकालने की मांग की है।
खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल का बिगड़ता स्वास्थ्य
कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। सरकार इस आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है, जो स्थिति को और गंभीर बना सकता है। पिछले डेढ़ महीने में किसान आंदोलन के दौरान तीन किसानों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं को सरकार के लिए चेतावनी मानते हुए उन्होंने कहा कि यदि डल्लेवाल को कुछ हुआ तो आंदोलन का दायरा और उग्र हो जाएगा।
एमएसपी की कानूनी गारंटी पर जोर
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों की मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, छोटे और मझोले किसानों के कर्ज माफ करने और भूमिहीन मजदूरों के लिए पेंशन की व्यवस्था जैसी जरूरी मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने की अपील की। सैलजा ने कहा कि सरकार को किसानों की अनदेखी करने की बजाय उनके मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
फसल नुकसान का मुआवजा जल्द दे सरकार
राज्य के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों को जल्द मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने मांग की कि विशेष गिरदावरी कराकर फसल नुकसान का आकलन किया जाए और मुआवजा प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुआवजा पोर्टल की जटिलताएं किसानों को समय पर राहत देने में बाधा बन रही हैं।
किसान आंदोलन के बढ़ते प्रभाव की चेतावनी
कुमारी सैलजा ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते किसानों की मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन का दायरा देशव्यापी हो सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि बातचीत और समन्वय के जरिए समस्या का समाधान किया जाए, अन्यथा इसका असर आम जनजीवन पर भी पड़ेगा।
फसलों का नुकसान:
ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और सब्जियों को भारी नुकसान।
किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत।
विशेष गिरदावरी के जरिए नुकसान का आकलन कर तुरंत राहत दी जाए।