जालोर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीते 40 दिनों में 228 लोगों को कुत्तों ने काट लिया, जिससे आमजन में भय का माहौल बन गया है। जालोर सार्वजनिक अस्पताल की ओपीडी के आंकड़े भी इस खतरे की पुष्टि कर रहे हैं।
डराने वाले आंकड़े, 11 फरवरी को 12 लोगों को काटा
जिला सामान्य अस्पताल के मौसमी विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, 11 फरवरी को एक ही दिन में 12 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हुए।
जनवरी 2025 में 158 मामले सामने आए।
फरवरी के पहले 11 दिनों में 70 लोग कुत्तों के काटने से घायल हुए।
फरवरी 11 को ही 12 लोग डॉग बाइट का शिकार बने।
हर दिन नए केस, बच्चों की सुरक्षा बनी चिंता
मौसमी बीमारी रिपोर्टिंग प्रभारी छगनलाल गर्ग के अनुसार, हर दिन डॉग बाइट के नए मामले सामने आ रहे हैं।
1 फरवरी – 7 मामले
2 फरवरी – 5 मामले
3 फरवरी – 6 मामले
4 फरवरी – 7 मामले
5 फरवरी – 5 मामले
6 फरवरी – 5 मामले
10 फरवरी – 7 मामले
बढ़ते हमलों के कारण अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है, खासकर छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर। शहर के कई इलाकों में श्वानों के झुंड गलियों में घूमते हैं, जिससे स्थानीय लोग सहमे हुए हैं।
सर्दी के मौसम में बढ़ती है कुत्तों की आक्रामकता
चिकित्सकों के अनुसार, ठंड के मौसम में कुत्तों की आक्रामकता बढ़ जाती है, जिससे डॉग बाइट के मामले ज्यादा सामने आते हैं।
कुत्ता काटने पर क्या करें?
चिकित्सकों के अनुसार, कुत्ता काटने के तुरंत बाद एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) लगवाना अनिवार्य है।
टीकाकरण का शेड्यूल:
पहला टीका: घटना के दिन (Day 0)
दूसरा टीका: तीसरे दिन (Day 3)
तीसरा टीका: सातवें दिन (Day 7)
चौथा टीका: चौदहवें दिन (Day 14)
पांचवां टीका: अट्ठाईसवें दिन (Day 28)
अधिकारियों का बयान
छगनलाल गर्ग, प्रभारी, मौसमी बीमारी विभाग:
“जनवरी में 158 और फरवरी के 11 दिनों में 70 डॉग बाइट केस आए हैं। अस्पताल में उपचार की पूरी व्यवस्था है।”
डॉ. आनंद कुमार भट्ट, चिकित्सा अधिकारी:
“सर्दी के मौसम में डॉग बाइट के केस बढ़ते हैं। किसी को कुत्ता काटने पर तुरंत अस्पताल आकर उपचार लेना चाहिए। 24 घंटे इलाज की सुविधा उपलब्ध है।”
प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
शहर में लगातार बढ़ते डॉग बाइट के मामलों से लोग डरे हुए हैं। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान निकालने की मांग की है। लोगों का कहना है कि नगर परिषद और पशु चिकित्सा विभाग को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से निजात मिल सके।