ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत, पार्थिव पटेल ने दी सलाह

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024-25) में 3 टेस्ट के बाद सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। अब दोनों टीमें मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच (Boxing Day Test) की शुरुआत करने वाली हैं। इस बीच, भारतीय टीम को अपनी लगातार फ्लॉप हो रही बल्लेबाजी पर फोकस करने की जरूरत होगी। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने इस कमी का कारण बताते हुए सुधार का उपाय भी सुझाया है।

पार्थिव पटेल ने कहा कि इस साल टीम इंडिया रैंक टर्नर पिचों या स्विंग के मददगार पिचों पर आत्मसमर्पण करती हुई नजर आई है। उन्होंने कहा, “इस बात में कोई शक नहीं है कि टीम धराशाई हुई है, खासतौर से घरेलू सीरीज में। हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ रैंक टर्नर पिचों पर टीम का पतन देखा और अब हम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं, तो वहां भी यह पतन जारी है।”

पार्थिव ने क्रिकबज से चर्चा करते हुए कहा, “ऐसा नहीं है कि हम बहुत ज्यादा आक्रामक होकर खेल रहे हैं, जिसके चलते बार-बार यह पतन देखने को मिल रहा है। अगर हम टेस्ट क्रिकेट के पारंपरिक स्टाइल को अपनाते हैं और अनुशासन के साथ बल्लेबाजी करते हैं, तो ये वही बल्लेबाज हैं जिन्होंने पहले बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारतीय बल्लेबाजों को खुद को वहां ज्यादा झोंकने की जरूरत है, क्योंकि उनके पास वह क्षमता है। अगर वे अनुशासन के साथ बैटिंग करते हैं तो वे कहीं भी सफल हो सकते हैं।”

पार्थिव पटेल के अनुसार, टीम इंडिया को यह समझना होगा कि यह सिर्फ तकनीकी कमी नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का सवाल भी है। भारतीय टीम के बल्लेबाजों को आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ खेलना होगा ताकि वे पिच की परिस्थितियों से निपट सकें और मैच में वापसी कर सकें।

इस साल भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। वह इस साल अपने ही घर में केवल 46 रनों पर ऑल आउट हो गई, जो टेस्ट इतिहास में उनका तीसरा सबसे छोटा टोटल है। बीते कुछ समय में भारत स्पिन और स्विंग दोनों के सामने लाचार दिखाई दिया है। मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर सीरीज की अब तक खेली 6 पारियों में टीम इंडिया केवल एक बार ही 300 का आंकड़ा पार कर पाई है।

इस साल भारतीय टीम के केवल दो बल्लेबाज ऐसे हैं जिन्होंने टेस्ट में 40 से ज्यादा के औसत से रन बनाए हैं—यशस्वी जायसवाल (52.48) और शुभमन गिल (43.30)। विराट कोहली (25.06 औसत) और रोहित शर्मा (26.39 औसत) जैसे दिग्गज बल्लेबाज फ्लॉप रहे हैं, जिसके चलते निचले क्रम के खिलाड़ी जैसे ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा पर भी दबाव बढ़ा है।

अब जब मेलबर्न में भारत को इस साल का आखिरी टेस्ट मैच खेलना है, तो उसे वहां कम से कम अपनी बल्लेबाजी के इस फ्लॉप शो से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह सीरीज में अपनी बढ़त बना सके।

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