Punyatithhi: बेमकसद और खूबसूरती से जी जिंदगी, बलराज साहनी की यादगार फिल्में दिल को आज भी करती है…
नई दिल्ली। ‘किस्मत हथेली में नहीं, इंसान के बाजुओं में होती है।’ यह मात्र डॉयलॉग ही नही है बल्कि बलराज साहनी की कर्म है.....उन्होंने जैसा फिल्म में डॉयलाग दिया उसे अपनी मेहनत से जिंदगी में सच साबित भी किया और अपनी किस्मत संवारी...अपनी दौर के…
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