रामपुर: रामपुर जिला पंचायत के सदस्य और चमरौआ विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे मुस्तफा हुसैन एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर संभल जिले में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अनुरोध किया है। उनका कहना है कि कुछ लोग सोची-समझी साजिश के तहत सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर सांसद जिया उर रहमान बर्क और मस्जिद- मंदिर से जुड़े मुद्दों को लेकर झूठी खबरें फैलाकर समाज में नफरत का माहौल उत्पन्न किया जा रहा है।
संभल में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश
मुस्तफा हुसैन ने अपने पत्र में बताया कि 24 नवम्बर 2024 को संभल में हुई घटना में 5 बेकसूर लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इस घटना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है, लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही कुछ लोग जानबूझकर फर्जी खबरों के जरिए समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 13 और 14 दिसम्बर 2024 की मीडिया रिपोर्टों का हवाला दिया, जिसमें संभल के पुराने शिव मंदिर को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही थीं, ताकि सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सके।
मीडिया द्वारा गलत खबरों का प्रसार
मुस्तफा हुसैन ने बताया कि 13 दिसम्बर को एक अखबार में छपा कि “संभल हिंसा में तुर्क बिरादरी ने सुनियोजित हमला किया था” और 14 दिसम्बर को एक पुराने शिव मंदिर को लेकर खबर आई कि 46 साल से मुसलमानों ने उस पर कब्जा किया था। 17 दिसम्बर को भी मीडिया में यह खबर प्रसारित की गई कि संभल के मुस्लिम बहुल इलाके में एक मंदिर मिला है, जिसे पुलिस ने खोल दिया। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया, जिसका उद्देश्य समाज में तनाव और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है।
मंदिर की स्थिति और मुसलमानों की आस्था
मुस्तफा हुसैन ने बताया कि 46 साल से बंद पड़े शिव मंदिर का उदाहरण यह दर्शाता है कि मुसलमान दूसरे धर्मों के प्रति कितनी आस्था रखते हैं। मंदिर की एक ईंट को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है और दान पत्र के पैसे भी सुरक्षित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने जानबूझकर गलत अफवाह फैलाई है कि मुसलमानों ने मंदिर पर कब्जा किया था, जबकि ऐतिहासिक रूप से हिंदू परिवारों ने कई दशकों पहले मंदिर को छोड़ दिया था और उनका पूजा करने से किसी ने मना नहीं किया था।
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील
मुस्तफा हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह इन घटनाओं का संज्ञान लें और समाज में भाईचारे और अमन बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए। उनका कहना है कि ऐसे झूठे और भड़काऊ समाचारों को फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि देश की एकता और अखंडता को कोई खतरा न हो।