समस्तीपुर शहर में ड्रेन निर्माण की बड़ी योजना के क्रियान्वयन पर फंसा पेच

पटना हाईकोर्ट में पहुंचा मामला

समस्तीपुर / शहर में ड्रेन निर्माण की बड़ी योजना के क्रियान्वयन पर पेच फंस गया है। राज्य सरकार की कैबिनेट से स्वीकृति के बाद ई-टेंडटिंग की प्रक्रिया के दौरान मामला पटना हाईकोर्ट में पहुंच गया है। एक संवेदक ने ई-टेंडटिंग के खिलाफ रिट याचिका दायर किया है जिससे आगे का क्रियान्वयन तत्काल रुक गया है।अब हाईकोर्ट में सुनवाई व निर्णय आने के बाद ही योजना पर आगे का काम होने की उम्मीद है। बिहार सरकार की कैबिनेट से इस महत्वपूर्ण व महत्वाकांक्षी योजना को कुछ महीने पहले ही स्वीकृति मिली थी। शहर से वृहद स्तर पर जल निकासी के लिए यह योजना बना कर सरकार को भेजी गई थी। काफी मशक्कत के बाद योजना को स्वीकृति मिली। 48 करोड़ 25 लाख 54 हजार रुपये की लागत की यह योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन से नगरवासियों को जल जमाव की समस्या से निजात मिलेगी। इस योजना के तहत शहर के विभिन्न रूटों में ड्रेन का निर्माण होना है। भूईधारा चौक पर पम्प हाउस का निर्माण होना किया जाना है। इसके माध्यम से आसपास की नालियों का पानी धूरलख चौक होते हुए जमुआरी नदी तक (कुल लंबाई 4.06 किमी) आरसीसी नाला निर्माण कर ले जाया जाएगा। ताजपुर रोड में इनकम टैक्स ऑफिस से पथ के एक तरफ से कलभट से आगे जमुआरी नदी तक (कुल लंम्बाई 4.5 किमी में आरसीसी नाला निर्माण कराया जाएगा। पूसा रोड रेलवे गुमती के समीप से गुरुकुल स्कूल के नजदीक कलर्भट तक पथ के एक तरफ (2.40 किमी) में कलर्भट तक आरसीसी नाला निमाण किया जाएगा। इन मुख्य नालियों से तमाम नालियां जुड़ेंगी। बता दें कि हर साल शहर के लोग जल जमाव की समस्या से जूझते हैं।शहर की छोटी बड़ी तमाम नालियां ऐसी बनी हुईं हैं जो शहर से नालियों का पानी सुगमता से शहर से बाहर निकालने में सक्षम ही नहीं हैं। ऐसे में ड्रेन निर्माण की उक्त स्वीकृत योजना ही बड़ा विकल्प माना गया है। मेयर अनिता राम ने कहा कि बड़ी मशक्क्त के बाद इस योजना कों राज्य सरकार ने स्वीकृति दी थी। लेकिन संवेदक के केस करने के कारण मामला फंस गया है। इससे जलजमाव दूर करने की कोशिश को झटका लगा है।

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