मास्को में बोले प्रधानमंत्री मोदी, हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों से हमारे लोगों को होगा लाभ

मास्को: यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की शुरुआत के बाद से अपनी पहली यात्रा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता करने के लिए रूस की यात्रा की – इस यात्रा को व्यापक भू-राजनीतिक संदर्भ और संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

मास्को पहुंचने के तुरंत बाद, मोदी ने कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं और भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों से “हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा”।

प्रधानमंत्री ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए “सहायक भूमिका” निभाना चाहता है।

मोदी ने मॉस्को पहुंचते ही कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को गहन बनाने को लेकर आशान्वित हैं और भारत तथा रूस के बीच मजबूत संबंधों से ”हमारे लोगों को बहुत लाभ मिलेगा.” रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव ने वनुकोवो-2 हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की. वह मोदी को हवाई अड्डे से उनके होटल तक छोड़ने उनके साथ गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मांतुरोव ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रूस यात्रा के दौरान उनका भी स्वागत किया था.

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”मॉस्को पहुंचा. हमारे देशों के बीच, खासतौर पर सहयोग के भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने को लेकर आशान्वित हूं.” उन्होंने कहा, ”हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों का हमारे लोगों को बहुत लाभ मिलेगा.” यह पिछले पांच साल में मोदी की रूस की पहली यात्रा है. यह फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उनकी पहली मॉस्को यात्रा है. यह मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है. इससे पहले वह 2019 में रूस गए थे जहां उन्होंने सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था.

पुतिन मॉस्को में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के तहत मंगलवार को होने वाली वार्ता से पहले आज रात भारतीय प्रधानमंत्री के लिए निजी रात्रिभोज देंगे. मोदी यहां राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे और भारतीय समुदायों के सदस्यों के साथ संवाद भी करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”प्रधानमंत्री दोनों देशों के बीच विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे. वह रूस में भारतीय समुदाय के साथ भी संवाद करेंगे.” मॉस्को पहुंचने पर भारतीय प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया. शहर में कार्लटन होटल में भारतीय मूल के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और कुछ रूसी कलाकारों ने हिंदी गीतों की धुन पर नृत्य कर उनका स्वागत किया. मोदी ने भारत से रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहायक की भूमिका निभाना चाहता है.

रूस में नौ जुलाई को अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑ्ट्रिरया के लिए रवाना होंगे. यह, विगत 40 साल से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वहां की पहली यात्रा होगी. मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं. मोदी-पुतिन की शिखर वार्ता में यूक्रेन संघर्ष भी प्रमुख मुद्दा रह सकता है.

मोदी ने रूस रवाना होने से पहले एक बयान में कहा, ”भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं.” उन्होंने कहा, ”मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं.”

उन्होंने कहा, ”हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं.” रूस के साथ अपनी ‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी’ का भारत पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गर्मजोशी बनी रही है. रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है. भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में भारतीय मूल के लोगों से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी.

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”अगले तीन दिन, मैं रूस और ऑ्ट्रिरया में रहूंगा. ये दौरे इन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगे, जिनके साथ भारत की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है.” मोदी की मॉस्को यात्रा से पहले रूस के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि एजेंडा व्यापक होगा.

उन्होंने कहा, ”यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों राष्ट्र प्रमुख अनौपचारिक रूप से भी बातचीत कर पाएंगे.” बातचीत में मोदी आग्रह कर सकते हैं कि रूस अपनी सेना के सहायता कर्मी के तौर पर भारतीयों की भर्ती करना बंद करे और अब भी रूस की सेना में काम कर रहे लोगों की वापसी सुनिश्चित करे. भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. भारत और रूस में अभी तक बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं.

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