हेलेन की कहानी: बॉलीवुड की वह अभिनेत्री जिनकी जिंदगी किसी फिल्म से कम नहीं थी

मुंबई: बॉलीवुड एक ऐसी जगह रही है जहां हम कई ऐसे कलाकारों की कहानियां सुनते हैं जिन्होंने अपने संघर्षमयी दिनों में बहुत कठिनाइयों का सामना किया। आज हम बात करेंगे बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री की, जिनकी जिंदगी सच में किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं थी और जिन्होंने अपने संघर्षों को पार करके सफलता की ऊंचाइयों को छुआ।

1,000 से अधिक फिल्मों में काम किया
हेलेन, जिनके नाम पर 1,000 से अधिक फिल्मों में अभिनय करने का रिकॉर्ड है, ने अपनी मेहनत और कड़ी मेहनत से फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम कमाया। अपने करियर में डांस और अभिनय से उन्होंने खुद को एक अलग पहचान दिलाई।

हेलेन बर्मा की रहने वाली थीं
बॉलीवुड की यह मशहूर अभिनेत्री हेलेन का जन्म बर्मा (अब म्यांमार) में हुआ था। बहुत से लोग नहीं जानते कि हेलेन बर्मा की रहने वाली थीं और उनकी भारत यात्रा इतनी मुश्किलों से भरी हुई थी कि यह खुद एक लंबी और संघर्षपूर्ण कहानी बन गई। हालांकि, हेलेन अपनी कठिनाइयों को पार करते हुए भारत पहुंचने में सफल रहीं और बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई।

दो फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं
हेलेन के शानदार करियर में उन्हें दो फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। 70 साल के करियर में उन्होंने अपनी अभिनय और डांस के जरिए सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी है।

एंग्लो-इंडियन परिवार से हैं हेलेन
हेलेन का जन्म 21 नवंबर 1938 को रंगून, बर्मा (अब म्यांमार) में हुआ था। उनके पिता एक एंग्लो-इंडियन थे और उनका नाम जॉर्ज डेस्मियर था, जबकि उनकी मां बर्मी थीं और उनका नाम मार्लीन था। हेलने ने अपने जीवन के इस कठिन दौर के बारे में एक साक्षात्कार में बताया कि उनकी यात्रा बेहद कठिन और संघर्षपूर्ण रही।

जंगल और गांव से होकर भारत आए
हेलेन के पिता की मृत्यु द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी, और 1943 में बर्मा पर जापानी आक्रमण से बचने के लिए उनका परिवार असम के डिब्रूगढ़ में स्थानांतरित हो गया था। इस समय के बारे में वह कहती हैं, “हमें लोगों ने जिंदा रखा और हम जंगलों और सैकड़ों गांवों के माध्यम से बारी-बारी से यात्रा करते रहे, क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं थे।”

ब्रिटिश सैनिक करते थे मदद
हेलेन ने इस बारे में और जानकारी देते हुए बताया कि हमारे पास न तो खाने के लिए खाना था और न ही पहनने के लिए कपड़े थे। कभी-कभी हम ब्रिटिश सैनिकों से मिले, जिन्होंने हमें रहने के लिए जगह दी और हमारे घायल शरीरों का इलाज किया, साथ ही हमें खाना भी दिया।

मां और मैं लगभग कंकाल बन चुके थे
हेलेन ने अपनी भारत यात्रा की कड़ी बातें साझा करते हुए कहा कि असम के डिब्रूगढ़ तक हमारे साथ जो लोग थे, वे आधे हो गए थे। कई लोग बीमारियों से पीड़ित हो गए थे और कुछ खाना ना मिलने के कारण मारे गए थे। मां और मैं लगभग कंकाल बन चुके थे और मेरे भाई की हालत भी बहुत खराब थी। हमने दो महीने अस्पताल में बिताए और दुख की बात यह है कि मेरे भाई की चेचक के कारण मृत्यु हो गई।

पद्मश्री से सम्मानित किया गया
हेलेन की कठिन यात्रा के बाद उनका बॉलीवुड करियर शुरू हुआ। 1958 में हेलेन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया और 19 साल की उम्र में बैकग्राउंड डांसर के तौर पर कई फिल्मों में काम किया। इसके बाद उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली गई। 2009 में भारत सरकार ने उन्हें उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया, जो कि एक सशक्त और प्रेरणादायक कहानी है।

हेलेन की जिंदगी एक प्रेरणा है कि संघर्ष चाहे जितना भी कठिन हो, अगर इरादा मजबूत हो तो सफलता निश्चित होती है।

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