गाजियाबाद: आज, 2 दिसंबर को गाजियाबाद के बिशोखर गांव में नगर पालिका मोदीनगर द्वारा 42 पट्टों पर की गई बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ समाजवादी पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष देवव्रत धामा और लोकदल नेता सभासद नरेंद्र तोमर के नेतृत्व में तहसील घेराव किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने धरना देकर उपजिलाधिकारी पूजा गुप्ता के साथ लंबी बैठक की। हालांकि, बैठक के बाद भी कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकल पाया।
देवव्रत धामा ने इस आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया और प्रदेश व देश की भाजपा सरकार को गरीब, दलित, पिछड़ा, किसान और मजदूर विरोधी करार दिया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा ने अब तक किसी भी समाज या वर्ग के भले के लिए कोई ठोस योजना नहीं दी है, बल्कि सिर्फ “व्यवस्थित लूट तंत्र” खड़ा किया है।
पट्टाधारकों की समस्याएं और विधवाओं का दर्द
गौरतलब है कि शनिवार को नगर पालिका ने बिशोखर गांव के 42 पट्टों पर बुलडोजर कार्रवाई कर फसलें उजाड़ दीं। इनमें से 22 पट्टे विधवाओं के थे, जिनके पास जीवन-यापन का कोई अन्य स्रोत नहीं है। ये पट्टे 1995 में आवंटित किए गए थे और बाद में भूमिधर के रूप में दर्ज हो चुके थे।
प्रमुख पीड़ितों में भगवती, शीला, मुन्नी, राजू, सुधीर, रिछपाल, हरिश्चंद्र, बबलू, विकास, बिजेंद्र, अंकित, विवेक, राकेश कुमार, सूरज, अमन, जयकरण, हरबीर, प्रशांत, ऋषिपाल, अनीस, राकेश आदि शामिल थे, जो धरना स्थल पर अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर उपस्थित रहे।
विरोध प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी
देवव्रत धामा ने चेतावनी दी कि अगर पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों और विधवाओं की जमीन पर बुलडोजर चलाना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।