श्रीराम ने अग्निबाण मारकर किया बुराई के प्रतीक रावण का अंत, यहां देखें रामपुर के रावण दहन की कुछ खास तस्वीरें
तीनों स्थानों पर लगे मेलों का बच्चों और महिलाओं ने जमकर उठाया लुत्फ, आतिशबाजी से सतरंगी हुआ आसमान
रामपुर। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व हर्षोलास से मनाया गया। शहर के कोसी मार्ग, सिविल लाइंस के आदर्श रामलीला मैदान और ज्वालानगर रामलीला मैदान में रावण के पुतले दहन किए गए। तीनों स्थानों पर सुबह से लगे मेलों का लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया। महिलाओं और बच्चों ने जमकर खरीददारी की।
मंगलवार को शहर में तीनों स्थानों पर कलाकारों से राम रावण युद्ध और रावण दहन का मंचन किया। करीब एक घंटे तक चले भीषण युद्ध के बाद आखिर असत्य पर सत्य की विजय हुई और रावण को मोक्ष प्राप्त हुआ। राम और रावण की सेना में हो रहे युद्ध के दौरान रावण के पुत्र मेघनाद समेत सभी योद्धाओं के मारे गए।
जैसे ही पुत्र मेघनाद के वध की सूचना रावण को मिली वो सकते में आ गया। रावण के पास अब खुद युद्ध भूमि में जाने के सिवाय कोई दूसरा चारा नहीं बचा था। ऐसे में मंदोदरी विलाप करते हुए रावण को समझाती है पर अहंकारी रावण इसे कायरता मानते हुए मंदोदरी के प्रस्ताव को खारिज कर देता है।
राम अग्निबाण का संधान करते है और रावण की नाभि में स्थित अमृत कुंड को लक्ष्य बनाकर अग्नि बाण छोड़ते है। रावण इस वार को झेल नहीं पाता है और उसकी चित्कार से तीनों लोक कांप उठते है।
लंकेश जमीन पर तड़प कर प्राण त्याग देता है। इसके साथ ही भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और वीर बजरंगी के जयकारों से वातावरण गूंज उठता है।
श्री सनातन रामलीला कमेटी के तत्वाधान मे आयोजित श्रीराम महोत्सव में दशहरे पर्व का मंचन बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति के साथ किया गया। सर्व प्रथम मुख्य अतिथि सांसद घनश्याम सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष ख्यालीराम लोधी, भाजपा नेता दिलीप सक्सेना, गुरुद्वारा सिंह सभा अध्यक्ष निर्मल सिंह व डॉक्टर सौरभ गुप्ता द्वारा श्री राम जी का तिलक कर आरती की गई।
उसके बाद रावण दल का तिलक कर पूजन किया गया। तत्पश्चात राम रावण युद्ध का मंचन किया गया। बन्नू बिरादरी की ओर से निकाली गई शोभायात्रा का रामलीला प्रांगण में स्वागत किया गया इसके बाद रावण का दहन किया गया।
इस अवसर पर वीरेन्द्र गर्ग, अरविन्द अग्रवाल, हरीश चन्द्र, वेद प्रकाश, राजीव गर्ग, ईश्वर सरन, सोनी ताऊ, सुभाष चन्द्र, निर्भय गर्ग , गौरव जैन, मनोज अग्रवाल , विष्णु सरन, डॉ अजय अग्रवाल इत्यादि मौजूद रहे।