शारदीय नवरात्रि 2023: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा, यहां जाने पूजा विधि, मंत्र और मां का प्रिय भोग

प्राची सिंह
नोएडा। 15 अक्टूबर को शारदीय नवरत्रि की शुरूआत हो चुकी है। 9 दिन मां के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि ही शारदीय नवरात्रि का छठा दिन होता है।

कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप चमकीला और तेजमय है। इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में रहता है। वहीं नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। मां कात्यायनी के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार धारण करती हैं व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित रहता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी जातक देवी कात्यायनी की पूजा पूरी श्रद्धा से करता है, उसे परम पद की प्राप्ति होती है।

मां कात्यायनी की पूजा विधि
नवरात्रि के छठे दिन इस दिन प्रातः काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर मां का गंगाजल से आचमन करें। फिर देवी कात्यायनी का ध्यान करते हुए उनके समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित करें। रोली से मां का तिलक करें अक्षत अर्पित कर पूजन करें। इस दिन मां कात्यायानी को गुड़हल या लाल रंग का फूल चढ़ाना चाहिए। अंत में मां कात्यायनी की आरती करें और क्षमायाचना करें।

मां कात्यायनी प्रिय भोग
इस दिन मां कात्यायनी को पूजन में शहद का को भोग लगाना चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.