सीनियर आईएएस अनिल कुमार सागर हाईकोर्ट के रडार पर, कार्रवाई की चेतावनी
अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के चलते आईएएस की मुश्किलें बढ़ीं
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी अनिल कुमार सागर अब हाईकोर्ट के रडार पर हैं। उनके खिलाफ लगातार अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप शामिल है। हाईकोर्ट ने न केवल अनिल कुमार सागर से नाराजगी जताई है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त चेतावनी दी है। अगर प्रदेश सरकार ने अनिल कुमार सागर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो सोमवार को सीबीआई जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिए कार्रवाई के निर्देश
हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर अनिल कुमार सागर के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो सोमवार को सीबीआई जांच के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब यह सामने आया कि सागर पर यमुना अथॉरिटी के बिल्डरों के साथ घपलेबाजी का आरोप भी है।
यमुना अथॉरिटी और बिल्डरों के बीच घपलेबाजी का आरोप
आईएएस अनिल कुमार सागर, जो कि आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव और यमुना अथॉरिटी के अध्यक्ष भी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स में मनमानी की। आरोप यह है कि उन्होंने कुछ प्रोजेक्ट्स को बिना कारण रद्द कर दिया और कुछ को मंजूरी दी, जिनमें भारी अनियमितताएँ थीं। इसके अलावा, सागर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक ही दिन में एक जैसे मामलों में अलग-अलग आदेश जारी किए, जिससे घपलेबाजी की संभावना और बढ़ गई।
हाईकोर्ट की सख्त सुनवाई और संभावित सीबीआई जांच
आज लखनऊ में हुई हाईकोर्ट की सुनवाई में जस्टिस पंकज भाटिया ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि सरकार को अनिल कुमार सागर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, वरना सोमवार को सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएंगे। सोमवार को यमुना अथॉरिटी में बिल्डरों की मिलीभगत से ज़मीनों की घपलेबाजी की सुनवाई फिर से होगी।
सीबीआई जांच का दबाव, आईएएस सागर की पदस्थापना पर संकट
अगर यूपी सरकार अनिल कुमार सागर को उनके पद से नहीं हटाती, तो सोमवार को सीबीआई जांच तो अवश्य होगी। इस मामले ने सागर की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, और यह संभव है कि उन्हें अपने पद से हटाया भी जा सकता है।