बरेली। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरेली में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक मोहम्मद आसिफ को 18 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। उसने एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी और पहली किस्त लेते समय विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ गया।
विजिलेंस टीम ने मोहम्मद आसिफ को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह मदरसे को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पास कराने के एवज में मदरसा संचालक से रिश्वत ले रहा था। यह घटना मंगलवार को विकास भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के दफ्तर में हुई, जहां पहली किस्त के तौर पर उसने 18 हजार रुपये लिए।
बहेड़ी के रजपुरा स्थित मदरसा मंजूरिया अख्तरुल उलूम प्रबंधन ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी कि मदरसे को गांव बसुधरन जागीर में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पास करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। इस रिश्वत की मांग वरिष्ठ सहायक मोहम्मद आसिफ ने की थी, जो बाद में रकम को किस्तों में लेने पर राजी हो गया।
विजिलेंस टीम ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है, और इस घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।