डा. भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए आत्मचिंतन जरूरी: कुमारी सैलजा

जब तक देश में असमानता, गरीबी और भेदभाव रहेगा, तब तक बाबासाहेब का सपना अधूरा: सैलजा

ऐलनाबाद (जींद),  (एम.पी. भार्गव): अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हमें आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है कि क्या हम बाबासाहेब के सपनों का भारत बना पाए हैं। जब तक देश में असमानता, गरीबी और भेदभाव जैसी चुनौतियां रहेंगी, तब तक उनका सपना अधूरा रहेगा।

अशरफगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में हुई सहभागिता
कुमारी सैलजा गांव अशरफगढ़ (जींद) में डॉ. भीमराव अंबेडकर समाज कल्याण सभा द्वारा आयोजित समारोह में शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने बाबासाहेब की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी, राजरानी पूनम, परिवेंद्र सिंह ढुल सहित अनेक सामाजिक व राजनीतिक नेता उपस्थित रहे।

बाबासाहेब के विचार आज भी प्रासंगिक
अपने संबोधन में सैलजा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक विचारधारा हैं, जिन्होंने हमें समानता, न्याय और स्वाभिमान का मार्ग दिखाया। उनका जीवन साधारण बालक से असाधारण राष्ट्र निर्माता बनने की प्रेरक गाथा है। उन्होंने छुआछूत और जातिगत भेदभाव की अमानवीय दीवारों को शिक्षा और आत्मबल से तोड़ा।

शिक्षा को बताया सबसे बड़ा हथियार
सैलजा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त कर यह सिद्ध किया कि शिक्षा ही वह शक्ति है जो बदलाव ला सकती है। उन्होंने संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया।

संविधान निर्माण से समाज सुधार तक का सफर
कुमारी सैलजा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि वे एक महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, लेखक और नारी सम्मान के पक्षधर भी थे। उनका नारा “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो” केवल नारा नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति का मंत्र है।

बच्चों की शिक्षा पर विशेष जोर
इस अवसर पर कुमारी सैलजा ने कहा कि समाज की तरक्की के लिए बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि बच्चों को स्कूल भेजें, कोचिंग दिलवाएं और उन्हें अंग्रेजी भाषा भी सिखाएं, ताकि वे प्रतियोगी दुनिया में आगे बढ़ सकें।

सम्मान स्वरूप मिला ताज आयोजकों को समर्पित किया
कार्यक्रम में आयोजकों द्वारा कुमारी सैलजा का भव्य स्वागत किया गया और उन्हें ताज पहनाकर सम्मानित किया गया। सैलजा ने विनम्रता से यह ताज आयोजकों को सौंपते हुए कहा कि इसे किसी उचित स्थान पर उपयोग में लाएं।

कालांवाली और सिरसा में होंगी शामिल
कुमारी सैलजा 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे सिरसा जिले के गांव कालांवाली में आयोजित डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल होंगी। इसके बाद वे डबवाली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी। 15 अप्रैल को वे सिरसा विधानसभा क्षेत्र के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर जन समस्याएं भी सुनेंगी।

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