आजकल के इस व्यस्त जीवन में हर किसी के पास फोन मिल जाएगा और डिजिटल इंडिया बनाने की दौड़ में हम अपनी आंखों के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। लगातार घंटों तक फोन का उपयोग करने से आंखों पर काफी बुरा असर पड़ता है, और यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
नई रीसर्च
हाल ही में, जामा नेटवर्क ओपन ने एक स्टडी प्रकाशित की, जिसमें 3.35 लाख से ज्यादा लोगों पर शोध किया गया। उनका शोध स्क्रीन टाइम और आंखों पर होने वाले नुकसान के बीच संबंधों को मापने के लिए था। इस शोध में यह पाया गया कि 1 से 4 घंटे से कम स्क्रीनटाइम भी मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का खतरा तेजी से बढ़ा सकता है। अगर स्क्रीनटाइम 1 घंटे से कम है, तो मायोपिया का खतरा कम हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, 1 घंटे से कम स्क्रीनटाइम ही आंखों के लिए सेफ है।
बच्चे और युवा बड़े शिकार
इस डिजिटल लहर की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और युवा हैं। आजकल, हर 2-3 व्यक्ति के पास चश्मा दिखाई दे सकता है, जो कि अधिक मोबाइल चलाने के कारण होता है। इसके अलावा, मोबाइल और स्क्रीनटाइम के साथ-साथ आपका खान-पान भी आपकी आंखों पर असर डाल सकता है। अगर आपका खान-पान सही नहीं है, तो यह आपकी आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
बचाव के उपाय
- 20-20-20 नियम का पालन करें: हर 20 मिनट में, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें।
- स्क्रीन की चमक कम करें: मोबाइल फोन की स्क्रीन की चमक को कम करें ताकि यह आपकी आंखों पर कम दबाव डाले।
- आंखों को बार-बार झपकाएं: आंखों को सूखा होने से बचाने के लिए बार-बार झपकाएं।
- स्क्रीन से दूरी बनाकर रखें: मोबाइल फोन को अपनी आंखों से कम से कम 16 इंच दूर रखें।
- नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं: अपनी आंखों की नियमित जांच कराएं ताकि किसी भी समस्या का जल्द पता चल सके।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसे केवल सुझाव के तौर पर लें। इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।