संजय मल्होत्रा होंगे आरबीआई के नए गवर्नर, शक्तिकांत दास की लेंगे जगह

नई दिल्ली। संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किए गए हैं। वह मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा फिलहाल रेवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने बजट 2024 की तैयारी में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र नौकरशाहों में से एक, मल्होत्रा 11 दिसंबर से अपना कार्यभार संभालेंगे।

कौन हैं संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मूल रूप से राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से अपनी शिक्षा पूरी की है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री हासिल की है।
अपने तीन दशक के करियर में उन्होंने पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे कई विभागों में सेवाएं दी हैं। अक्टूबर 2022 में उन्हें रेवेन्यू डिपार्टमेंट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह वित्तीय सेवा विभाग में सचिव और सरकारी कंपनी REC लिमिटेड के चेयरमैन एवं एमडी रह चुके हैं।

सरकार की पसंद क्यों बने संजय मल्होत्रा?
मल्होत्रा के पास वित्तीय मामलों में गहरा अनुभव है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार में फाइनेंस और टैक्सेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। उनके कार्य करने के तरीके को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पसंद करते हैं।
रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कामकाज समझने का अनुभव भी मल्होत्रा के पक्ष में गया।

आरबीआई के सामने बड़ी चुनौतियां
मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई की जिम्मेदारी संभालेंगे, जब देश की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से जूझ रही है।

जीडीपी ग्रोथ: सितंबर तिमाही में यह सात-तिमाही के निचले स्तर 5.4% पर पहुंच गई है।
रुपया: डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है।
महंगाई: खुदरा महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।
ब्याज दरें: बाजार पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ रहा है।
अब तक 13 आईएएस बन चुके हैं आरबीआई गवर्नर
रिजर्व बैंक के 26 गवर्नरों में से 13 आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। संजय मल्होत्रा वित्तीय मामलों में विशेषज्ञता और अपने व्यापक अनुभव के कारण इस जिम्मेदारी के लिए चुने गए हैं। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा।

मल्होत्रा की नियुक्ति के बाद सरकार और आरबीआई के बीच बेहतर तालमेल की उम्मीद की जा रही है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल सके।

 

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