संभल हिंसा: चंद्रशेखर आज़ाद को हापुड़ में पुलिस ने रोका, सीबीआई जांच की मांग

संभल में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद हालातों का जायजा लेने जा रहे भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण को हापुड़ के छिजारसी टोल प्लाजा पर पुलिस ने रोक दिया। पुलिस उन्हें जेएमएस स्कूल ले गई, जहां उन्हें संभल जाने से रोक दिया गया।

चंद्रशेखर का बयान
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद चंद्रशेखर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “संभल मैं खुशी से नहीं जा रहा था। वहाँ जो तांडव हुआ है, वह किसी से छिपा नहीं है। पुलिस ने खुलेआम गोली चलाई। अगर कानून व्यवस्था बनाए रखनी थी, तो पैरों की ओर गोली चलाई जा सकती थी, लेकिन कुछ अधिकारी सरकार को खुश करने के लिए सीने और सिर पर गोली चलाते हैं।”

उन्होंने कहा कि वह संसद में भी इस मुद्दे को उठाना चाहते थे, लेकिन सदन स्थगित कर दिया गया। “स्पीकर साहब को अधिकार है, लेकिन हमें भी अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की जरूरत है।”

संभल जाने से रोकने पर नाराजगी
चंद्रशेखर ने कहा कि हापुड़ पुलिस ने यह तर्क दिया कि उनके संभल जाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इस पर उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि कानून व्यवस्था खराब हो, लेकिन जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है, उनकी माएं मुझसे मिलने की उम्मीद लगाए बैठी हैं।”

सीबीआई जांच और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
चंद्रशेखर ने आईजी से बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तीन मुख्य मांगें रखी हैं:

जिन लोगों को गोली लगी, उनके मुकदमे दर्ज किए जाएं।
निर्दोष लोगों पर कार्रवाई न हो।
घटना की मजिस्ट्रेट जांच के साथ-साथ सीबीआई जांच होनी चाहिए।
संविधान की रक्षा का आह्वान
भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, “गोली से विरोध की आवाज को दबाना गलत है। संविधान के आधार पर देश चलेगा। जब देश में वर्सित एक्ट 1991 के अनुसार धार्मिक संपत्तियों की स्थिति 15 अगस्त 1947 को जैसी थी, वैसी ही बनी रहेगी, तो फिर मंदिरों में भगवान खोजने की प्रक्रिया क्यों शुरू हुई?

उन्होंने अयोध्या, ज्ञानवापी और मथुरा का जिक्र करते हुए इसे “ट्रेंड” करार दिया।

मायावती पर प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान पर चंद्रशेखर ने कहा, “बहन जी हमारी नेता हैं। वे बड़ी हैं और जो कहती हैं, हमें सर्तक करने के लिए कहती हैं। लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग उन्हें गलत सलाह देकर ऐसी बातें कहलवाते हैं। मैं उनके संस्कारों का सम्मान करता हूं और किसी बड़े का अपमान नहीं करूंगा।”

संभल में हुई हिंसा और चंद्रशेखर आज़ाद को रोके जाने की घटना ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को गर्म कर दिया है। चंद्रशेखर ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और बहुजन समुदाय के अधिकारों की रक्षा की मांग की है। उन्होंने संविधान के प्रति अपनी आस्था जताते हुए कहा कि यह लड़ाई लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए जारी रहेगी।

 

 

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