रूस-यूक्रेन युद्ध में शहीद अमृतसर के युवक तेजपाल के परिवार को रूसी सरकार से पीआर और आर्थिक सहायता
रूसी सरकार ने तेजपाल के परिवार को पीआर और मासिक आर्थिक सहायता देने की घोषणा की
अमृतसर: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में शहीद हुए अमृतसर के युवक तेजपाल सिंह के परिवार को अब रूसी सरकार द्वारा पीआर (स्थायी निवासी) और आर्थिक सहायता दी जा रही है। तेजपाल सिंह ने जनवरी 2024 में रूस जाने के बाद वहां की सेना में भर्ती हो गए थे, लेकिन मार्च के बाद से उनका परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पाया। तेजपाल की पत्नी, परमिंदर कौर और उनके परिवार ने कई प्रयास किए, ताकि उन्हें तेजपाल के बारे में कोई जानकारी मिल सके, लेकिन कोई सूचना नहीं मिल रही थी। अब, रूस सरकार ने उनके परिवार को राहत प्रदान करते हुए यह घोषणा की है कि उन्हें पीआर और आर्थिक मदद दी जाएगी।
परमिंदर कौर का बयान: परिवार को मिली पेंशन और मुफ्त शिक्षा का लाभ
तेजपाल की पत्नी परमिंदर कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रूसी सरकार ने उन्हें और उनके परिवार को पीआर देने का वादा किया है। परमिंदर कौर ने कहा, “मुझे पीआर मिल चुका है, और जब मेरा परिवार रूस जाएगा, तो उन्हें भी पीआर मिलेगा। इसके अलावा, हमें हर महीने 20,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।”
उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे भी रूस जाएंगे, जहां उन्हें मुफ्त शिक्षा मिलेगी। परमिंदर कौर ने यह भी कहा कि वह और उनका परिवार रूस में कुछ समय रहेंगे, लेकिन हमेशा वहां नहीं रुकेंगे, वे भारत आते-जाते रहेंगे।
यूक्रेन सरकार को पत्र लिखने की कोशिश, भारतीय सरकार से मदद का आह्वान
परमिंदर कौर ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने यूक्रेन सरकार को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया था कि यदि तेजपाल को यूक्रेन में बंदी बना लिया गया है, तो उन्हें इसकी जानकारी दी जाए। हालांकि, उन्होंने भारतीय सरकार और भारतीय एंबेसी से कोई भी मदद प्राप्त नहीं होने की बात कही।
तेजपाल के परिवार को मिली यह सहायता रूस सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन साथ ही परमिंदर कौर का यह भी कहना है कि भारत सरकार की ओर से उन्हें कोई विशेष मदद नहीं मिली है।
रूसी सरकार से मिली राहत के बावजूद, भारत सरकार से मदद की उम्मीद
यह मामला एक और उदाहरण है कि कैसे भारतीय नागरिकों की विदेशों में स्थिति में सुधार करने के लिए, कई बार भारत सरकार से अपेक्षित मदद की कमी महसूस होती है। तेजपाल के परिवार को रूस से मिल रही सहायता राहत का कारण बनी है, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की मदद के लिए अब भी भारत सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है।