भारतीय भोजन का अहम हिस्सा चावल है, जो दाल-चावल, खिचड़ी, बिरयानी, पुलाव जैसे कई व्यंजनों में शामिल होता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों के लिए चावल खाने में कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जिससे शुगर के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि डायबिटीज के मरीज किस प्रकार के चावल खा सकते हैं और कौन से चावल से बचना चाहिए।
क्या डायबिटीज रोगी चावल खा सकता है?
चावल में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती है। सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा होता है, जिसके कारण डायबिटीज के मरीजों को इसे खाने से बचना चाहिए। हालांकि, यदि कभी-कभी आपका मन करे तो आप 1 से 2 चम्मच सफेद चावल खा सकते हैं, जिससे ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर सफेद चावल का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इससे शुगर बढ़ सकता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
डायबिटीज में कौन सा चावल खा सकते हैं?
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ब्राउन राइस: डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्राउन राइस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर पर कोई अधिक असर नहीं डालता है।
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समा चावल: समा चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से कम होता है, इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयुक्त होता है। आप इसे व्रत के दौरान खा सकते हैं, क्योंकि यह ब्लड शुगर को जल्दी बढ़ने नहीं देता है।
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बासमती चावल: बासमती चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है (50-52 के बीच), जिससे यह सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। इसे कभी-कभी खाने से शुगर लेवल पर असर नहीं पड़ता है।
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लाल चावल: लाल चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 के आसपास होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक है। इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की भी भरपूर मात्रा होती है।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी आहार में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।