रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को आखिरकार अपना नया डिप्टी गवर्नर मिल गया है। केंद्र सरकार ने डॉ. पूनम गुप्ता को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा और वे जनवरी में रिटायर हुए माइकल पात्र की जगह लेंगी। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब 7 से 9 अप्रैल तक RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक होने वाली है। केबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है, और अब सोशल मीडिया से लेकर बिजनेस जगत में यह चर्चा होने लगी है कि आखिर डॉ. पूनम गुप्ता कौन हैं, और उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर क्यों नियुक्त किया गया?
कौन हैं डॉ. पूनम गुप्ता?
डॉ. पूनम गुप्ता का नाम भारतीय अर्थशास्त्र की दुनिया में काफी जाना-पहचाना है। वह वर्तमान में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च (NCAER) की डायरेक्टर जनरल हैं, जो भारत का सबसे बड़ा आर्थिक नीति थिंक टैंक है। इसके अलावा, वे 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की सदस्य भी हैं। पूनम गुप्ता प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की सदस्य रह चुकी हैं, यानी उन्होंने पीएम मोदी की टीम में भी काम किया है। वह NITI आयोग की डेवलपमेंट एडवाइजरी कमेटी और FICCI की एक्जीक्यूटिव कमेटी में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
कमाल का इंटरनेशनल अनुभव
डॉ. पूनम गुप्ता का करियर शानदार और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक में वॉशिंगटन डीसी में सीनियर पदों पर काम किया है। वह इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) में ग्लोबल मैक्रो और मार्केट रिसर्च की लीड इकोनॉमिस्ट रह चुकी हैं। इसके अलावा, उन्होंने इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनॉमिक रिलेशंस (ICRIER) और दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के तौर पर भी पढ़ाया है।
पढ़ाई-लिखाई में भी अव्वल
डॉ. पूनम गुप्ता की पढ़ाई भी काफी उत्कृष्ट रही है। उन्होंने 1998 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, यूएसए से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की, जहां उनकी विशेषता मैक्रोइकॉनॉमिक्स, इंटरनेशनल फाइनेंस और ट्रेड में थी। उनकी इस रिसर्च के लिए उन्हें 1998 में EXIM बैंक अवॉर्ड भी मिला था। इसके अलावा, उन्होंने 1995 में मैरीलैंड से ही इकोनॉमिक्स में एमए किया। भारत में उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से 1991 में एमए और हिंदू कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1989 में बीए (इकोनॉमिक्स) की डिग्री प्राप्त की।
नियुक्ति के बाद की प्रतिक्रिया
डॉ. पूनम गुप्ता की नियुक्ति को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनकी विस्तृत और अंतरराष्ट्रीय अनुभव से RBI को लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे इस पद पर सेवा देने का अवसर मिल रहा है। मैं अपनी पूरी ताकत से RBI की कार्यों को आगे बढ़ाने में योगदान दूंगी।”
अर्थशास्त्र और वित्तीय नीति में उनके व्यापक अनुभव के कारण, यह उम्मीद की जा रही है कि डॉ. पूनम गुप्ता RBI के डिप्टी गवर्नर के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेंगी।
डॉ. पूनम गुप्ता की नियुक्ति ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सरकार और RBI दोनों ही अपनी टीम को सक्षम और अनुभवजनक व्यक्तियों से सुसज्जित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अब देखना यह है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और अंतरराष्ट्रीय अनुभव RBI की कार्यशैली में किस प्रकार का बदलाव लाता है।